नीतीश कुमार की समाधान यात्रा से क्या निकलेगा समाधान !

बिहार में उनके सहयोगी दल राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ही नहीं जनता दल यूनाइटेड के नेताओं में भी बेचौनी है। जदयू के वरिष्ठ नेता पूर्व रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं।खबर यह है कि आगामी मकर संक्रांति के अवसर पर वह अपने घर पर कई भाजपा नेताओं को चुरा दही का निमंत्रण दे रखे हैं।

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नीतीश कुमार समाधान यात्रा में जनता का अभिवादन करते हुए। फोटो साभार सोशल मीडिया

-विष्णुदेव मंडल-

विष्णु देव मंडल

(बिहार मूल के स्वतंत्र पत्रकार)
कहते हैं जब नीतीश कुमार का विश्वास डगमगाता है, उनको लगने लगता है कि उनका जनाधार खिसक रहा है तो वह यात्रा पर निकल पड़ते हैं। यह उनकी पहली नहीं बल्कि 14वीं यात्रा है। जिसका नाम है समाधान यात्रा। अब सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की अगुवाई पिछले 17 सालों से कर रहे हैं तो फिर मुख्यमंत्री रहते हुए अब किस चीज का समाधान ढूंढ रहे हैं। जबकि उनके द्वारा संचालित अधिकांश महत्वाकांक्षी योजना मसलन शराबबंदी, नल जल योजना फेल साबित हो रही हैं। पलायन सर्वाधिक बिहार में है, रोजगार के लिए बिहार के युवा मारे मारे फिर रहे हैं, कानून व्यवस्था भगवान भरोसे है, ऐसे में समाधान यात्रा महज एक पहेली है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री की एक महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन और हरियाली योजना के क्रियान्वयन के लिए एक बैठक बुलाए गई थी। इसमें सरकार के सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल का कोई मंत्री और नेता उपस्थित नहीं हुआ। राष्ट्रीय जनता दल के बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार के इस यात्रा को बकवास बताया है। उन्होंने इशारों इशारों में नीतीश कुमार की यात्रा को कटघरे में खड़ा किया है। श्री जगदानंद सिंह के मुताबिक अब तक नीतीश कुमार जितनर भी यात्राएं निकाले हैं उससे उन्हें किसी तरह की सफलता नहीं मिली है। यह एक फिजूलखर्ची है इससे कुछ होने वाला नहीं है। बेहतर होता कि वह बिहार कीे सत्ता तेजस्वी यादव को सौंपकर दिल्ली के लिए काम करते तो भविष्य में वह प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के विधायक एवं पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह जो जगदानंद सिंह के सुपुत्र हैं वह नीतीश कुमार पर लगातार हमले कर रहे हैं। वह नीतीश कुमार को पलटूराम और ना जाने क्या क्या कह रहे हैं ? राष्ट्रीय जनतादल ने अपने नेता पर अब तक किसी तरह की कारवाई नहीं की है। इससे यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि नीतीश कुमार सरकार में रहते बार-बार टारगेट पर हैं। राष्ट्रीय जनता दल द्वारा नीतीश को लगातार टारगेट करना राजद की रणनीति का हिस्सा तो नहीं है ?
बिहार के राजनीतिक पंडितों का कहना है की राजद द्वारा मुख्यमंत्री को बार-बार टारगेट करना उन्हें सत्ता छोड़ने के लिए विवश कर देगा। भले ही तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री की कुर्सी से तत्काल खुश है लेकिन उनके पिता लालू प्रसाद यादव और जगदानंद सिंह किसी भी सूरत में नीतीश कुमार को आगे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना नहीं चाहते हैं इसीलिए वह अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा नीतीश कुमार पर लगातार हमला करवा रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल को मालूम है कि अब नीतीश वापस नहीं लौट सकते, उनके साथ अब मतदाता कनेक्ट नहीं होंगे इसलिए वह इस मौके का फायदा उठाना चाहते हैं।

गौरतलब है कि दो साल पहले नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के खिलाफ और भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव में उतरे। वह बिहार के आवाम को राष्ट्रीय जनता दल के कुशासन,गुंडाराज,परिवारवाद का डर दिखाकर 2020 में पुनः शासन में आए। लेकिन 2 साल बाद नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ अचानक नाता तोड़ कर राष्ट्रीय जनता दल के साथ सरकार बना ली। सत्ता से बाहर निकलने के लिए उन्होंने आमजन के सामने यह तर्क दिया कि भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र के तर्ज पर उनकी पार्टी को तोड़ने के प्रयास कर रहे थी। इसी कड़ी में उनके खासम खास रहे जनता दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह अर्थात आरसीपी सिंह को सूत्रधार बताया और उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया। नतीजतन केंद्रीय मंत्री रहे आरसीपी सिंह अभी नीतीश कुमार के सबसे बड़े दुश्मन हैं और वह पूरे बिहार में नीतीश की पोल खोल रहे हैं।
यहां उल्लेख करना जरूरी है कि नीतीश कुमार सत्ता के हेराफेरी करने के बाद तुरत फुरत में दिल्ली पहुंचे थे और विपक्षी नेताओं से मिले-जुले जिसमें सोनिया गांधी, सीताराम येचुरी,ममता बनर्जी,अरविंद केजरीवाल सरीखे कई विपक्षी नेता शामिल हैं। वह सार्वजनिक मंच से कई बार गया कह चुके हैं कि वह अब बिहार की सत्ता तेजस्वी यादव को सौंप कर विपक्षी दलों को एकता करके केंद्र सरकार जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही है उन्हें 2024 में सत्ता से बेदखल कर देंगे। लेकिन दिल्ली से वापसी के बाद कभी भी विपक्षी एकता और अपने प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के प्रति खुलकर कुछ नहीं बोले। वह कहते रहे कि हम प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं लेकिन जो 2014 में आए उन्हें 2024 में नहीं रहने देंगे। हम विपक्ष की एकजुटता चाहते हैं यह सवाल उठता है कि जब वह सत्ता में हैं और उन्हें केंद्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त देना है तो वह बिहार में समाधान यात्रा क्यों निकाल रहे हैं?
सच्चाई तो यह है कि बिहार में उनके सहयोगी दल राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ही नहीं जनता दल यूनाइटेड के नेताओं में भी बेचौनी है। जदयू के वरिष्ठ नेता पूर्व रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं।खबर यह है कि आगामी मकर संक्रांति के अवसर पर वह अपने घर पर कई भाजपा नेताओं को चुरा दही का निमंत्रण दे रखे हैं। कयास लगाया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी छोड़ सकते हैं क्योंकि उन्हें भान हो गया है कि नीतीश कुमार उन्हें कोई पद देने वाले नहीं है। ऐसा भी कयास लगाया जा रहा है कि आगामी दिनों में जदयू और राष्ट्रीय जनता दल में मर्ज हो सकता है। ऐसे में जनता दल यूनाइटेड का वजूद खत्म होने की आशंका बना हुई है। कई नेताओं को यह डर सताने लगा है कि वह अपनी राजनीतिक सफर को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे इसीलिए जदयू के कई नेता नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। नितीश कुमार के प्रबल विरोधी पूर्व जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी मकर संक्रांति के बाद कुछ बड़ा करने वाले हैं। नीतीश कुमार के खिलाफ लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान लगातार हमलावर रहे हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी भी नीतीश से अलग होकर भाजपा के साथ जा सकते हैं।
नीतीश कुमार के बार-बार पलटी मारने के कारण बिहार के आवाम में गुस्सा है, जिसकी बानगी शनिवार को सीतामढ़ी के गांव में नजर आई जहां नीतीश कुमार को एक कार्यक्रम में जाना था लेकिन वह वहां नहीं गए। कड़ाके की ठंड में छोटे-छोटे बच्चों को उस आयोजन स्थल पर लाया गया था। नतीजतन वहां के युवाओं ने नीतीश कुमार का प्रबल विरोध किया और उनके बैनर पोस्टर को भी फाड़ दिए। अभी उनकी यात्रा कई जिलों से होकर गुजरने वाली है। इस बात की आशंका है कि नीतीश कुमार के बार-बार पलटी मारने के कारण आमजन में खासी नाराजगी है। जहां राष्ट्रीय जनता दल के नेता और कार्यकर्ता तेजस्वी के मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं वहीं जदयू के नेता और कार्यकर्ता नीतीश कुमार के उस घोषणा से खास नाराज हैं जिनमें उन्होंने कहा है कि आगामी 2025 में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे।

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