
-देवेन्द्र यादव-

बिहार एक बार फिर से भयंकर बाढ़ की चपेट में है। बिहार का लगभग आधा हिस्सा जलमग्न है, लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद पूरा उत्तर बिहार बाढ़ की चपेट में है। नदियां कहर बरपा रही है।
यूं तो बिहार ने बड़े-बड़े राजनेताओं को जन्म दिया है। बिहार देश का ऐसा राज्य है, जिसके नेताओं के सिर पर मास्टरमाइंड और सत्ता की चाबी किसके हाथ में का तमगा लगभग चार दशक से भी अधिक समय से है। केंद्र में किसी भी दल की सरकार बगैर बिहार के नेताओं और उन नेताओं की पार्टी के बगैर नहीं बन सकती। यह देश लगभग चार दशक से देख रहा है, इसके बावजूद बिहार में कोसी नदी का केहर हर साल तबाही लेकर आता है।
बिहार में चार दशक से बिहार के क्षेत्रीय दलों के मजबूत नेताओं और उनकी पार्टी के हाथों में सत्ता है इसके बावजूद बिहार का आधा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित क्यों रहता है।
बिहार की बाढ़ को लेकर जो दर्द राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के मन में दिखाई देता है वैसा दर्द केंद्र और राज्य की सत्ता में बेटे नेताओं के दिल में क्यों नहीं दिखाई देता।
राजनेताओं को यह दर्द जब बिहार में बाढ़ आती है तब ही क्यों दिखाई देता है जबकि पप्पू यादव लोकसभा चुनाव से पहले और लोकसभा चुनाव होने के बाद पूर्णिया से सांसद बने तब उन्होंने संसद के भीतर भी अपने पहले भाषण में बिहार की बाढ़ को लेकर मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए केंद्र सरकार विशेष पैकेज दे। पप्पू यादव निरंतर मांग कर रहे थे कि बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए कुछ तो करो सरकार।
जब भी बिहार में बाढ़ आती है तब पप्पू यादव हमेशा बाढ़ पीड़ितो की मदद करते हुए दिखाई देते हैं। ऐसा लगता है जैसे पप्पू यादव राजनीति में ही कोसी की बाढ़ से प्रभावित होकर बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए आए हैं। बिहार की बाढ़ को लेकर जो दर्द पप्पू यादव के मन में देखा जाता है वैसा दर्द बिहार के अन्य किसी नेता के दिल में नहीं दिखाई देता। पप्पू यादव स्वयं अपने पिता के शोक में डूबे हुए थे मगर जब बाढ़ आई तो पप्पू यादव बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए निकल पड़े। ऐसे जैसे, दुनिया में कितना गम है, मेरा गम कितना कम है लोगों का गम देखा तो, मैं अपना गम भूल गया। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी पर सबकी नजर है। राहुल गांधी बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कब करेंगे। राहुल गांधी को आफत की घड़ी में हमेशा प्रभावित जनता के बीच देखा जाता है। गत दिनों केरल के वायनाड में जब बाढ़ आई तब राहुल गांधी बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंच गए थे।
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के बाद बीरपुर में कोसी बैराज से भारी पानी छोड़े जाने के कारण बिहार के कई हिस्से भीषण बाढ़ से जूझ रहे हैं। कई सीमावर्ती जिलों में कुछ नदियाँ खतरे के स्तर पर या उससे ऊपर हैं। कोसी और गंडक बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे उत्तरी बिहार और नेपाल प्रभावित हुए। 29 सितंबर को बेलसंड ब्लॉक में मंदार बांध में दरार आने के बाद सीतामढ़ी में बाढ़ आ गई।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)