rahul bharat jodo
भारत जोडो यात्रा में राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत। फाइल फोटो

-विष्णु देव मंडल-
चेन्नई। कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायानाड से सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को भारत जोड़ो यात्रा का शुभारंभ कन्याकुमार से किया है। लगभग 3570 किलोमीटर की इस पद यात्रा राहुल गांधी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ रवाना हो चुके हैं । वैसे तो राहुल गांधी बहुत पहले से ही भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर देश तोडऩे का आरोप लगाते रहे हैं, एक बार फिर यात्रा की शुरुआत में ही उन्होंने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी, नरेंद्र मोदी सरकार पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया है।

विष्णु देव मंडल

उन्होंने कन्याकुमारी के क्रिश्चियन कॉलेज में आयोजित समारोह में सवाल उठाया कि जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई हैं, तब से सिर्फ देश को बांटने का काम किया है। मजहबी ध्रुवीकरण के कारण देश में प्रेम भाईचारा खत्म हो रहा है। मजहबी दीवार खड़ी कर दी गई है जिनका फायदा सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को सत्ता के रूप में मिलता है। उन्होंने कहा यह सरकार कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों के इशारे पर चल रही है। गरीबों और किसानों के ऋण माफ नहीं किए जाते, लेकिन चंद उद्योगपतियों के ऋण माफ कर दिया जाता है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी चुप बैठ नहीं सकती। हम संकल्प के साथ कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक की यात्रा तय किए हैं जिनमें हम हर जिले कस्बों में होते हुए जम्मू कश्मीर तक के लोगों से जुड़ेंगे और उन्हें जोडऩे का काम करेंगे। राहुल गांधी के भारत जोड़ो पदयात्रा के संबंध में चेन्नई के कई समाजसेवी, साहित्यकार एवं राजनीतिक विश्लेषकों से कांग्रेस के कायाकल्प होने के बारे में पूछा लोगों ने मिली जुली प्रतिक्रिया मिली।

कांग्रेस के योगदान को नहीं भुना पाते राहुल

समाजसेवी प्रभात सिंह के मुताबिक राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी पर थोपा हुआ राजनेता है,उनकी वाणी को कोई गंभीरता से नहीं लेता। भारत की राजनीति में कांग्रेस का योगदान बहुमूल्य है लेकिन राहुल गांधी उसे भुना नहीं पाते। पिछले कई वर्षों से वह राजनीति में हैं लेकिन उनकी सक्रियता बिल्कुल नगण्य है। उन्हें बेसिक ज्ञान की आवश्यकता है। जब उन्हें आटा ठोस है या द्रव्य के बारे में जानकारी नहीं है तो ऐसे नेताओं कोई गंभीरता से नहीं लेता।

इस यात्रा को नौटंकी मानेंगे
प्रवासी उत्तर भारतीय उत्तर चेन्नई विंग भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र के मुताबिक राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा से आमजन में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। जो राजनेता अपने पार्टी को जोड़ कर नहीं रख सकता वह भला भारत जोड़ो आंदोलन क्या चलाएगा? भारत जोडऩे की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी धारा 370 को हटाने का विरोध करती है ऐसे में इस यात्रा को लोग नौटंकी ही मानेंगे।

पूरे भारत में मिलेगा जनसमर्थन

सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाशंकर मिश्र कहते हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा का तमिलनाडु में ही नहीं पूरे भारत में मुकम्मल जन समर्थन मिलेगा। मौजूदा सरकार के खिलाफ जिस तरह की मुहिम कांग्रेस पार्टी चला रही है वह काबिले तारीफ है। यह सरकार आमजन के हित का काम नहीं करती है। महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। काम धंधे नहीं मिल रहे हैं ऐसे समय में राहुल गांधी द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान कांग्रेस के लिए वरदान साबित हो सकता है। हमें कांग्रेस पर भरोसा जताना चाहिए।

यात्रा नहीं कर सकेगी प्रभावित

ट्रांसपोर्ट व्यवसाई मुन्ना कुमार गुप्ता के अनुसार राहुल गांधी अब आउटडेटेड नेता हैं। यह बात अलग है कि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को अपना सर्वमान्य नेता मानती है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस के भीतर से ही उनके खिलाफ आवाज उठने लगी है। गुलाम नबी आजाद ,आनंद शर्मा, मनीष तिवारी जैसे नेता अपनी पार्टी के खिलाफ मीडिया में बयान दे रहे हैं। राहुल गांधी न अपनी पार्टी और न देश के प्रति गंभीर हैं इसीलिए ऐसा लगता है कि राहुल गांधी का 150 दिनों तक चलने वाला यह भारत जोड़ो आंदोलन आमजन को प्रभावित नहीं करेगा।

अब परिवार को पसंद नहीं करते

नौकरी पेशा विशाल ठाकर के अनुसार हिंदुस्तान अब परिवारवाद को पसंद नहीं करता। राहुल गांधी राजनीति में परिवाद के चलते टिके हुए हैं। उनका अपना कोई जमीन नहीं है ऐसे में राहुल गांधी द्वारा संचालित भारत जोड़ो पदयात्रा से भारतीय राजनीति में कोई हलचल नहीं होने वाली है। फिलवक्त मोदी का कोई विकल्प नहीं है। मुझे नहीं लगता कि राहुल गांधी अपनी पार्टी को पुनर्जीवित कर पाएंगे।

पार्टी को बचाने के लिए अभियान चलाएं

साहित्यकार पंकज कुमार झा का कहना है की राहुल गांधी को पहले अपनी पार्टी को बचाने के लिए अभियान चलाना चाहिए। पार्टी से लोग भाग रहे हैं। जो कांग्रेस पार्टी कभी पंचायत से लेकर संसद तक थी, वह पार्टी अब विपक्ष में बैठने लायक नहीं रही है। ऐसे में राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा कोई खास सफल साबित नहीं हो सकती। बेहतर होता राहुल गांधी अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए माकूल प्रयास करते। वैसे दक्षिण भारत में कांग्रेस पार्टी की नींव मजबूत है। कन्याकुमारी में भारी जनसमर्थन दिखाई दे रहा था लेकिन यह पदयात्रा कांग्रेस को मजबूती प्रदान करेगी इस पर शक है।

150 दिन का अभियान

उल्लेखनीय है कि 7 सितंबर गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दक्षिणी छोर कन्याकुमारी से 3570 किलोमीटर दूरी तय करने के लिए मिशन भारत जोड़ो अभियान के लिए पैदल मार्च पर हैं। जिनके लिए तो 150 दिन तय किए हैं। राहुल गांधी के लिए एसी युक्त कंटेनर जिनमें सभी सुविधाएं उपलब्ध है उनके साथ कांग्रेस के दर्जनों नेताओं के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता हैं। ये सभी सड़क मार्ग से पैदल चल रहे हैं। इनकी यात्रा 12 राज्यों से होकर जम्मू कश्मीर तक की दूरी तय करेगी।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रांसपोर्ट व्यवसायी हैं)

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