-देवेंद्र यादव-

शरद पवार के द्वारा एक निजी टीवी चैनल को दिया गया इंटरव्यू और गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस और राहुल गांधी पर दिए गए बयान क्या राहुल गांधी को मजबूत और कांग्रेस को एकजुट कर रहे हैं ? इस सवाल के साथ-साथ एक सवाल यह भी है कि क्या, कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के बाद, राहुल गांधी देश की राजनीति में अधिक मजबूत हुए हैं, और कांग्रेस एकजुट होकर मजबूत नजर आने लगी है ?
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के निशाने पर राहुल गांधी ही रहे हैं?
कमजोर होती कांग्रेस और कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेता, कांग्रेस की कमजोरी और कांग्रेस छोड़ने का कारण अकेले राहुल गांधी को बताते नजर आते हैं ?
2014 में कांग्रेस की सत्ता जाने के बाद, अकेले राहुल गांधी सत्ताधारी भाजपा से संघर्ष करते हुए नजर आए और राहुल गांधी पर आरोप लगाने वाले नेता शांत बैठे रहे मगर राहुल गांधी ने उन नेताओं से कभी शिकायत नहीं की कि संघर्ष के दिनों में वह नेता राहुल गांधी के साथ खड़े क्यों नहीं हुए ? क्या 2019 में कांग्रेस को सत्ता में लाने का काम अकेले राहुल गांधी का था, जब राहुल गांधी नोटबंदी, राफेल जैसे मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी सरकार को घेर रहे थे तब राहुल गांधी पर उंगली उठाने वाले नेता राहुल गांधी के साथ क्यों नहीं थे ? 2019 में कांग्रेस की हार को स्वीकारते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ा। क्या राहुल गांधी के साथ उनकी टीम में शामिल राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था, शायद नहीं दिया ! अब राहुल गांधी एक बार फिर से केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और राहुल गांधी के संघर्ष में उनके साथ देशभर में कांग्रेस के आम कार्यकर्ता मजबूती और एकजुटता के साथ खड़े हुए हैं।
जब राहुल गांधी मजबूत नजर आने लगे और कांग्रेस आम कार्यकर्ताओं की दम पर एकजुट नजर आने लगी, तब कांग्रेस छोड़कर गए नेता एक बार फिर से राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाने लगे ?
मगर अब कांग्रेस का आम कार्यकर्ता मजबूत और एकजुट नजर आ रहा है और कार्यकर्ताओं की मजबूती और एकजुटता ने राहुल गांधी को भी पहले से अधिक मजबूत कर दिया है ?
कर्नाटक का विधानसभा चुनाव कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मजबूती और एकजुटता का कांग्रेस के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित होगा यदि कर्नाटक में कांग्रेस अपनी सरकार बनाती है तो, क्योंकि कांग्रेस की राजनीति में एक दशक बाद देश के राजनीतिक पंडित कर्नाटक से देख रहे हैं कि वहां कांग्रेस के नेता और आम कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनावी मैदान में हैं और जैसे नेता और कार्यकर्ताओं ने शपथ ले ली है कि कर्नाटक में कांग्रेस हर हाल में अपनी सरकार बनाएगी। नेताओं और कार्यकर्ताओं की एकजुटता से नजर भी आ रहा है कि कर्नाटक में 2023 में अपनी सरकार बनाने जा रही है। यह बात देश के कद्दावर नेता शरद पवार ने भी एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में कही है।
लेकिन सवाल वही है क्या राहुल गांधी को राजनीतिक रूप से कांग्रेस के बागी नेता राहुल गांधी के खिलाफ बयान देकर उन्हें कमजोर नहीं बल्कि मजबूत कर रहे हैं और कांग्रेस को एकजुट कर रहे हैं ?
देवेंद्र यादव
कोटा राजस्थान
कांग्रेस की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम स्वागत योग्य है लेकिन जो
कांग्रेस जन भ्रष्टाचार के मामले में अदालत में विचाराधीन है, उसे पहले जनता के सामने साफ सुथरा होना चाहिए
कांग्रेस पार्टी के इकबाल व रहमोकरम से कई दशकों तक पलने वाले गद्दार,,,,,,,,,,,, किस्म के परजीवियों से जितनी जल्दी मुक्ति मिल सके राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी दोनों के लिए ठीक है।