-विष्णु देव मंडल-

(चेन्नई निवासी बिहार मूल के स्वतंत्र पत्रकार)
बिहार सरकार की नल जल योजना अर्थात हर घर शुद्ध जल पहुंचाने की योजना विफल हो चुकी है। बिहार के हर घर में शुध्द पेयजल पहुंचाने की योजना सरकार ने बनाई थी लेकिन जमीनी स्तर पर नल तो दिखाई दिए पर जल यदा कदा ही नजर आया। बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने गृह जिला नालंदा के राजगीर में हर घर गंगा जल आपूर्ति योजना का शुभारंभ कर दिया। इस योजना के तहत सर्वप्रथम राजगीर, बोधगया, और गया जिले मे साल भर के अंदर हर घर गंगाजल पहुंचाने की योजना बनाई गई है।
योजना के अनुसार गंगा के पानी को अलग से संरक्षित किया जाएगा और वाटर प्यूरीफायर प्लांट के जरिए पानी को शुद्ध और पीने लायक बनाया जाएगा। जिससे हर घर तक गंगा जल मुहैया कराया जाएगा। अब हर घर गंगाजल योजना कितनी सफल होगी वह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी नल जल योजना की असफलता के कारण आमजन में इस मर बात का अंदेशा है कि हर घर गंगाजल योजना कहीं कागज पर सिमट कर ना रह जाए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अति महत्वाकांक्षी गंगा जलापूर्ति परियोजना की मंजूरी दी गई थी। इसी योजना के तहत हर घर गंगाजल योजना शुरू की जा रही है। यह योजना गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों में ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की अनूठी परिकल्पना है। जिससे लगभग सवा सात करोड लोगों को प्यास बुझाने की लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटित हर घर गंगा जल योजना के बारे में चेन्नई में प्रवासित बिहार निवासी ने अपना प्रतिक्रिया दी है……..

-मुख्यमंत्री सिर्फ योजना बनाते हैं लेकिन जमीन पर नहीं उतार पाते। उन्होंने सात निश्चय योजना के तहत बिहार के हर गांव में जल पहुंचाने के उद्देश्य नल जल योजना संचालित की थी। किंतु वह हर घर तक जल पहुंचाने में नाकामयाब रहे। योजनाओं का लाभ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।मुखिया और वार्ड पंच मालामाल हो गए हैं। प्रखंड के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हं।ै ऐसे में हर घर गंगाजल पहुंचाना आसान नहीं होगा। वैसे भी गंगाजल का इस्तेमाल हम पूजा पाठ और यज्ञ में करते हैं। पहले गंगा की सफाई और उसके रख रखरखाव पर ध्यान दिया जाए।
प्रभात कुमार सिंह, सूरापेट निवासी
-गंगाजल आपूर्ति योजना दिसंबर 2019 में एनडीए सरकार के समय ही बनाई गई थी।

यह अति महत्वाकांक्षी योजना है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विगत के जल नल योजना पर गौर करें तो यह प्रतीत होता है कि यह योजना दे सिर्फ कागजी खानापूर्ति में सिमट कर रह जाएगी। हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हैं कि वह योजना बनाने से पहले उन्हें सफल बनाने पर ज्यादा ध्यान दें
मुकेश कुमार ठाकुर, कोरल मर्चेंट निवासी
-नीतीश कुमार अब अनुपयोगी हो गए हैं।उन्होंने सात निश्चय योजना के तहत बिहार के हर घर में स्वच्छ और पेयजल मुहैया करने के वादे किए थे। लेकिन वह असफल रहे।
नल जल योजना के तहत बिहार के कई इलाकों में अब तक नल जल योजना सफल नहीं हो पाई ह।ै जहां नल लगाया गया है वहां जल उपलब्ध नहीं है। जहां मुहैया कराना है वहां नल अब तक नहीं लगा है। ऐसे में बिहार के हर घरों में गंगाजल पहुंचाना टेढ़ी खीर है !
अशोक सिंह राजपूत, क्रोमपेट निवासी
-मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित हर घर गंगाजल योजना सिर्फ ढकोसला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक जो भी योजना का शुभारंभ किया है उनमें से अधिकांश योजनाएं विफल रही हैं।
शराबबंदी, नल जल योजना इसके उदाहरण हैं। भ्रष्ट राजनीति और अफसरशाही की बदौलत कोई भी योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। हर घर गंगा जल आपूर्ति योजना पूर्व के एनडीए सरकार के समय बनाया गया था जिसे 3 साल बाद लागू करना इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री ने इस योजना को लागू करने में बहुत देर कर दी है।
मुन्ना कुमार गुप्ता, कावाकरै निवासी!

















