बिहार विधानसभा चुनाव: नीतीश या शाह में से पहले कौन करेगा खेला!

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नीतीश कुमार। फोटो सोशल मीडिया
बिहार की राजनीति को लेकर चर्चा तेज है। मगर बिहार की राजनीति को लेकर, एक संभावना पर अभी नजर कम है। वह संभावना यह है कि यदि नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से कन्नी काटकर कांग्रेस और आरजेडी से वापस मिलकर अपनी सरकार बनाने की योजना बनाई तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाकर विधानसभा के चुनाव समय से पहले करवा सकती है।

-देवेंद्र यादव-

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-देवेंद्र यादव-

राजनीतिक और मीडिया के गलियारों में इन दिनों यह चर्चा तेज हो गई है बिहार में खेला नीतीश कुमार करेंगे या अमित शाह। बिहार और नीतीश कुमार को लेकर चर्चा तो 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही हो रही थी मगर जैसे-जैसे राज्य विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान नजदीक आ रहा है, वैसे ही विधानसभा चुनाव से पहले यह चर्चा तेज हो गई की क्या नीतीश कुमार फिर से पलटी मारेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आदत से भारतीय जनता पार्टी के नेता वाकिफ थे शायद इसीलिए भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने बिहार का राज्यपाल बदलकर आरिफ मोहम्मद खान को लगाया है।
अब सवाल उठता है कि क्या भारतीय जनता पार्टी के साथ नीतीश कुमार खेला करेंगे जो बिहार में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से अपनी सरकार चला रहे हैं या फिर नीतीश कुमार के साथ भारतीय जनता पार्टी खेल करेगी। चर्चा यह सुनाई दे रही है कि नीतीश की पार्टी जेडीयू के साथ महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना और एनसीपी के जैसा हश्र होगा। क्या बिहार में भारतीय जनता पार्टी उड़ीसा की तर्ज पर अपनी दम पर सरकार बनाने की योजना बना रही है। ऐसे में क्या नीतीश कुमार के साथ भी उड़ीसा के मुख्यमंत्री रहे बीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक जैसा हश्र होगा। बिहार की राजनीति को लेकर चर्चा तेज है। मगर बिहार की राजनीति को लेकर, एक संभावना पर अभी नजर कम है। वह संभावना यह है कि यदि नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से कन्नी काटकर कांग्रेस और आरजेडी से वापस मिलकर अपनी सरकार बनाने की योजना बनाई तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाकर विधानसभा के चुनाव समय से पहले करवा सकती है। शायद इसीलिए भारतीय जनता पार्टी ने केरल से हटाकर आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल बनाया है। भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार को संभलने का भी मौका नहीं देगी और बिहार में भारतीय जनता पार्टी कोई बड़ा राजनीतिक खेल कर देगी। शायद इसकी भनक नीतीश कुमार को भी है इसीलिए नीतीश कुमार को लेकर केवल राजनीतिक गलियारों में राजनीतिक पहेलियां सुनने को मिल रही है। क्योंकि नीतीश कुमार की आदत से सब वाकिफ हैं वह खेल करने में ज्यादा समय नहीं लगाते हैं। एक सवाल यह भी है कि बिहार ना तो उड़ीसा और ना ही महाराष्ट्र बन सकता है। यह तभी बनेगा जब भारतीय जनता पार्टी बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाएगी। क्योंकि बिहार में एक अकेला नीतीश कुमार नहीं है। बिहार में नीतीश कुमार के जैसे बहुत से नेता है जिनके बिहार में अपने क्षेत्रीय दल हैं और अपनी-अपनी जगह वह भी मजबूत नेता है। वह भी नीतीश कुमार की तरह पलटी करने में समय नहीं लगाते हैं।
2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार के भीतर कांग्रेस की लॉटरी लगती हुई दिखाई दे रही है। यदि कांग्रेस ने पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव पर भरोसा कर उन्हें चुनाव की कमान दे दी तो कांग्रेस बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव में बड़ा खेल कर सकती है। बड़ी बात यह है कि पप्पू यादव बिहार के सभी क्षेत्रीय दलों और उनके नेताओं और बिहार के मतदाताओं की नब्ज को अच्छे से जानते हैं। पप्पू यादव की राजनीतिक ताकत को आरजेडी समझ रही है। शायद इसीलिए राजद के नेता लालू प्रसाद यादव कांग्रेस पर दबाव की राजनीति करने पर उतर आए हैं। कुल मिलाकर बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव में खेल कौन करेगा इस पर सबकी नजर है ?

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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