
-देवेंद्र यादव-

गत दिनों सचिन पायलट के हस्ताक्षारों ने कांग्रेस के राजनीतिक गलीयारों में हलचल मचा दी। लोग बतियाने लगे कि सचिन पायलट को हाईकमान कोई बड़ी जिम्मेदारी देगा, क्योंकि राजनीतिक गलियारों में लंबे समय से चर्चा है कि पार्टी हाई कमान केसी वेणुगोपाल को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के पद से हटाकर किसी दूसरे नेता को इस पद की जिम्मेदारी दे सकता है।
इस पद के लिए कई नाम सुनाई दिए मगर जब दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट का पत्र सामने आया तो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के उस पत्र पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट के हस्ताक्षर थे। कांग्रेस के गलियारों में चर्चा होने लगी कि कांग्रेस हाई कमान सचिन पायलट को कांग्रेस का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।
जहां तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पत्र और उस पत्र पर हस्ताक्षर की बात करें तो कांग्रेस के भीतर, यह कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी ऐसे पत्रों पर राष्ट्रीय महासचिव के हस्ताक्षर देखने को मिले हैं।
इससे पहले भी राष्ट्रीय महासचिव के पद पर केसी वेणुगोपाल के रहते हुए राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक के हस्ताक्षर वाले पत्र भी अनेक बार देखने को मिले।
सवाल यह नहीं है कि पार्टी हाई कमान सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव के पद से भी कोई बड़ा पद देगा या केसी वेणुगोपाल की जगह कांग्रेस का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी किसी नेता को मिलेगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा।
2029 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और कांग्रेस को अपना नया अध्यक्ष चुनाना होगा। सबसे बड़ा सवाल यही एक की मल्लिकार्जुन खड़गे के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा क्या राहुल गांधी फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष बनेंगे या फिर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगी, या किसी अन्य नेता को यह जिम्मेदारी मिलेगी।
कांग्रेस के लिए 2029 का लोकसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। कांग्रेस को 2029 के लोकसभा चुनाव में हर हाल में बड़ी कामयाबी हासिल करनी होगी और इसके लिए कांग्रेस को ऊर्जावान युवा नेता की जरूरत पड़ेगी। इसलिए प्रियंका गांधी या फिर राहुल गांधी में से कोई एक नेता कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा या फिर उनकी पसंद का कोई अन्य नेता अध्यक्ष बनेगा। राहुल गांधी देश में जाति जनगणना की लंबे समय से बात कर रहे हैं और बात ओबीसी वर्ग की अधिक हो रही है ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की पसंद सचिन पायलट होंगे। क्या सचिन पायलट को 2029 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है।
सचिन पायलट ऊर्जावान युवा नेता है और पायलट को चाहने वाले नेताओं की देश में कमी भी नहीं है।
सचिन पायलट अनुभवी और संगठन को कैसे मजबूत कर कांग्रेस को सत्ता में लाया जाए यह गणित ठीक से जानते हैं क्योंकि 2018 में सचिन पायलट ने राजस्थान के भीतर भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में हराकर कांग्रेस की सरकार बनवाई थी। इसलिए सचिन पायलट को अच्छे से पता है कि वह भारतीय जनता पार्टी को कैसे मात देकर कांग्रेस की सरकार बनवा सकते हैं।
देश के पिछड़े वर्ग के लोग सोचते हैं कि कांग्रेस ब्राह्मण, दलित और मुसलमानों की पार्टी है। ऐसे में यदि कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाती है और वह नेता सचिन पायलट हो तो 2029 मैं कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सकती है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)