-राजेंद्र सिंह जादौन-
चंडीगढ़। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व विधायक कुलदीप विश्नोई सत्ता के रसूख से पहले बेटे भव्य विश्नोई को विधायक बनवाने के बाद अपने विश्नोई समुदाय से बॉन्डिंग मजबूत करने के लिए आरक्षण दिलाने की जुगत में जुट गए हैं।
विश्नोई समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए अपने प्रयासों का खुलासा स्वयं कुलदीप ने ट्वीट करते हुए किया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर जब भी केंद्र सरकार की अंतिम सूची आएगी, उसमें बिश्नोई समाज को शामिल किया जाएगा। हमारी केंद्र सरकार से इस बारे में लगातार बातचीत चल रही है। मोदी सरकार बिश्नोई जाति को आरक्षण देने के लिए सकारात्मक है। आरक्षण को लेकर अभी तक कोई भी सूची केंद्र की ओर से नहीं बनी है।
सोशल मीडिया पर सूचनाएं चल रही थीं कि केंद्र सरकार ने आरक्षण के लिए कुछ नई जातियों को शामिल किया है। ऐसे में कुलदीप को समाज को इस संबंध में जानकारी देनी पड़ी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल की 12वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में राजस्थान के जांभा में तीसरी मूर्ति का अनावरण किया था। कुलदीप बिश्नोई ने समाज को आश्वासन दिया था कि आरक्षण दिलाने के लिए खुद को बेचना पड़ा तो वो भी करूंगा।
कुलदीप बिश्नोई के नेतृत्व में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने जयपुर मंे जमीन खरीद ली है। जिसकी कीमत तीन करोड़ 82 लाख रुपए है। कुलदीप ने दावा किया कि यह धर्मशाला अब तक की सबसे अद्भुत और भव्य होगी। धर्मशाला के निर्माण से जयपुर में आने वाले समाज के छात्रों और धर्मप्रेमियों को बहुत लाभ होगा। जल्द ही स्थानीय कमेटी बनाकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव है। राजस्थान में बिश्नोई समाज का बीकानेर, बाडमेर, जोधपुर क्षेत्र में काफी प्रभाव है। 7 लोकसभा और 37 विधानसभा सीटों पर इस समाज का वोट बैंक है। कुलदीप ने राजस्थान के नागौर जिले में बिश्नोई मंदिर और धर्मशाला का उद्घाटन किया। इसके बाद जांभा में पूर्व सीएम भजनलाल की मूर्ति का भी अनावरण किया।
सत्ता के रसूख से विश्नोई समुदाय को आरक्षण दिलाने के कुलदीप के प्रयास
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