
-राजस्थान की राजनीति में अनुसूचित जाति के वोटों की है महत्वपूर्ण भूमिका
-कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम 27 को आएंगे
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम, 27 जुलाई को राजस्थान के अपने प्रथम दौरे पर प्रदेश कांग्रेस के निष्क्रिय अनुसूचित जाति संगठन को सक्रिय करने के मकसद से आएंगे। राजस्थान राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। राजस्थान में अनुसूचित जाति के लिए विधानसभा की 34 आरक्षित सीट हैं। आरक्षित सीटों के अलावा सामान्य सीटों पर भी अनुसूचित जाति के मतदाताओं की प्रत्याशियों की जीत और हार में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के बाद बहुजन समाज पार्टी का राजस्थान में खास प्रभाव है। राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सामान्य सीटों पर जीत दर्ज करते आए हैं। लोकसभा में भी राजस्थान में 4 सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव की दृष्टि से देखें तो राजस्थान में कांग्रेस की अपेक्षा भारतीय जनता पार्टी अधिक प्रभावशाली नजर आती है क्योंकि आरक्षित सीटों पर भारतीय जनता पार्टी कि कांग्रेस से ज्यादा सीट हैं। मतलब साफ है राजस्थान में कांग्रेस का अनुसूचित जाति संगठन निष्क्रिय और कमजोर है। इसकी वजह राजस्थान में कांग्रेस के पास दलित वर्ग के नेता तो अधिक हैं मगर कार्यकर्ता नहीं है। इसका उदाहरण राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग है। लगभग आधा दर्जन से अधिक कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हैं। जमीन पर उनकी कोई राजनीतिक हैसियत और पहचान भी नहीं है।
2023 के विधानसभा चुनाव से पहले, राजस्थान में दलित मतदाताओं की राजनीतिक अहमियत को पहचान कर, कांग्रेस हाई कमान ने पूर्व आईएएस अधिकारी के राजू और राजस्थान के युवा नेता डॉक्टर शंकर यादव के नेतृत्व में लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन चलाया था। यह अभियान सफल हुआ था और इस अभियान की सफलता ने ही के राजू को झारखंड कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रभारी बना दिया। लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन को सफल बनाने में डॉक्टर शंकर यादव के अलावा जिन दो लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका थी उनमें एक देवेंद्र यादव और दूसरे डॉक्टर डी के मेघवाल थे।
लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन की सफलता राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्वयंभू नेताओं को रास नहीं आई। लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन ने मिशन 59 चलाया था उस मिशन को टिकटों के बंदर बांट कर नाकाम कर दिया। के राजू, डॉक्टर शंकर यादव, देवेंद्र यादव, डॉक्टर डीके मेघवाल की मेहनत पर पानी फेर दिया। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस ने राजस्थान में अपनी सत्ता को गंवा दिया। लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन राजस्थान के स्वयंभू नेताओं के कारण विधानसभा चुनाव में भले ही सफल नहीं हुआ मगर 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भरतपुर और धौलपुर की आरक्षित दो सीट जीतकर सफलता का झंडा फहरा दिया। भरतपुर लोकसभा सीट से संजना जाटव लोकसभा में सबसे कम उम्र की सांसद हैं और यह संभव हुआ राजस्थान में लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन के कारण। लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन ने संजना जाटव के रूप में भरतपुर में नई लीडरशिप डेवलप की और कांग्रेस ने भरतपुर लोकसभा सीट को जीता। भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षित वर्ग की अधिकांश विधानसभा सीट जीतकर अपनी सरकार बनाई। राजस्थान में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष दलित विधायक टीकाराम जूली हैं। टीकाराम जूली के अलावा प्रदेश में अनेक बड़े दलित नेता हैं जो विधायक और सांसद हैं। इसके बावजूद भी राजस्थान में कांग्रेस कमजोर और निष्क्रिय है। इसकी एक वजह वह दलित नेता भी है जो लंबे समय से सत्ता और संगठन पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। जिन्होंने राजस्थान में केवल राजनीतिक हित को सर्वोपरि माना है। दलितों के बीच नई लीडरशिप डेवलप नहीं की है इसमें बड़ा योगदान राजस्थान के स्वयंभू नेताओं का भी रहा है। इसका बड़ा उदाहरण 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले के राजू के नेतृत्व में राजस्थान में चलाया गया लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन था जिसे राजस्थान के नेताओं ने सफल नहीं होने दिया। विधानसभा चुनाव में ऐसे उम्मीदवार उतारे जिनके संबंधी भाजपा में थे। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस चुनाव हार गई।
सवाल यह है कि कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम जिन्हें सीधे राहुल गांधी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है वह राजस्थान के अनुसूचित जाति विभाग को सक्रिय और मजबूत कर पाएंगे।
15 जुलाई मंगलवार के दिन अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर डॉक्टर शंकर यादव के नेतृत्व में एक बड़ी मीटिंग प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित की गई थी जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम के प्रथम आगमन को लेकर तैयारी की रणनीति पर चर्चा हुई। इस बैठक में भी अनुसूचित जाति वर्ग का कोई भी विधायक और सांसद मौजूद नहीं था। केवल कार्यकर्ता ही मौजूद थे। राजस्थान में अनुसूचित जाति विभाग को मजबूत करने का ईमानदारी से प्रयास कर रहा है तो वह नेता है डॉक्टर शंकर यादव जिसकी पहचान और प्रभाव पूरे राजस्थान में है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)