9 सितंबर को नीतीश कुमार किसे करेंगे बीमार!

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फोटो सोशल मीडिया

-देवेंद्र यादव-

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देवेन्द्र यादव

बिहार विधानसभा चुनाव की अभी घोषणा नहीं हुई है। क्या चुनाव आयोग उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा करेंगे ? बिहार चुनाव को लेकर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस और देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी कितनी गंभीर है, इसका पता राहुल गांधी की बिहार में 17 दिन चली वोटर का अधिकार यात्रा से चल जाएगा। इसके बाद 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी की यात्रा के दरमियान उनकी मां पर की गई टिप्पणी पर भावुक बयान दिया। इससे दोनों पार्टियों के लिए बिहार चुनाव कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा हो जाता है। बिहार में कांग्रेस और भाजपा में एक समानता है। दोनों ही पार्टियां गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगी। दोनों ही पार्टियों के साथ बिहार की प्रमुख दो बड़ी पार्टिया कांग्रेस के साथ राजद और भाजपा के साथ जदयू है। कांग्रेस, राजद और जेडीयू तीनों दल बिहार में अपनी सरकार बना चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से बिहार में अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। क्या 2025 में भारतीय जनता पार्टी बिहार में अपनी दम पर सरकार बना लेगी। मौजूदा वक्त में भारतीय जनता पार्टी जदयू के साथ मिलकर बिहार की सत्ता मैं सहयोगी है। लेकिन 2025 में भारतीय जनता पार्टी अपनी दम पर सरकार बनाना चाहती है। अभी भाजपा का बिहार की सत्ता में आना जेडीयू पर निर्भर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर राजनीतिक गलियारों और मीडिया के भीतर चर्चा है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए बिहार में जेडीयू गठबंधन की सरकार कमजोर है। नीतीश कुमार के कमजोर स्वास्थ्य का फायदा चुनाव में किसे मिलेगा इस पर नजर भाजपा और कांग्रेस की भी है। मगर नजर 9 सितंबर के उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम पर भी है। उपराष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आने के बाद नीतीश कुमार किसे बीमार करेंगे यह तो बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद पता चलेगा। 9 सितंबर का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सबकी नजर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर है। दोनों ही नेता अपनी अपनी राजनीतिक विरासत अपने-अपने पुत्रों को सौपने के लिए बेताब हैं। नीतीश कुमार के सामने अपने पुत्र निशांत के हाथों में अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने का 2025 का चुनाव एक बड़ा अवसर है। कमोबेश यही स्थिति चंद्रबाबू नायडू के सामने है। ऐसे में 9 सितंबर को होने वाला उपराष्ट्रपति का चुनाव महत्वपूर्ण है और इस पर देश की नजर है। राहुल गांधी की बिहार में वोटर का अधिकार यात्रा से संकेत मिल रहे हैं कि 9 सितंबर के बाद बिहार के मुख्यमंत्री जिन्हें राजनीतिक पंडित और विश्लेषक बीमार समझ रहे हैं उपराष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आने के बाद किसे बीमार करेंगे इस पर सभी की नजर है। 1 सितंबर को राहुल गांधी ने अपनी यात्रा का समापन करते हुए बिहार के पटना में जन सैलाब को संबोधित करते हुए भाजपा को चुनौती दी थी कि एटम बम फूटने के बाद हाइड्रोजन बम के लिए तैयार हो जाओ। क्या हाइड्रोजन बम 9 सितंबर को फूटेगा और क्या उपराष्ट्रपति इंडिया गठबंधन का बनेगा?

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