नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालयय ने केंद्र सरकार की उस क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने 1984 के भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी। यूनियन कार्बाइड से जुड़े इस मामले में 2010 में ही क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल हुई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायाधीश एसके कौल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि आरबीआई के पास पड़ी 50 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग योजना के तहत लंबित दावों को पूरा करने के लिए किया जाए।
केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि 1989 में जब सुप्रीम कोर्ट ने हर्जाना तय किया था, तब 2.05 लाख पीड़ितों को ध्यान में रखा गया था। इन वर्षों में गैस पीड़ितों की संख्या ढाई गुना से अधिक बढ़कर 5.74 लाख से अधिक हो चुकी है। ऐसे में हर्जाना भी बढ़ना चाहिए। यदि उच्चतम न्यायालय हर्जाना बढ़ने को मान जाता है तो इसका लाभ भोपाल के हजारों गैस पीड़ितों को भी मिलेगा।
भोपाल गैस कांड: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार की पीडितों का मुआवजा बढाने की क्यूरेटिव पिटीशन की खारिज
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