नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम एआईएडीएमके में नेतृत्व के मुद्दे पर मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर मुहर लगा दी है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने 12 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। पन्नीरसेल्वम ने हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें ई पलानीसामी को पार्टी का अंतरिम महासचिव रहने देने की अनुमति दी गई थी।हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने 02 सितंबर 2022 को आदेश दिया था कि पलानीसामी को अंतरिम महासचिव बनने की अनुमति दी जाए।
हाई कोर्ट ने कहा था कि एआईएडीएमके के नियमों के मुताबिक जनरल काउंसिल की बैठक पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम की सहमति से बुलाया जाएगा] लेकिन अब इस बात की कोई गुंजाईश नहीं है कि दोनों नेता सहमत हों। इसलिए पलानीसामी को अंतरिम महासचिव चुनने के 12 जुलाई 2022 के फैसले को अमल में लाया जाए। हाई कोर्ट के इसी फैसले को पन्नीरसेल्वम ने चुनौती दी थी।
शीर्ष अदालत ने मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ के उस फैसले की पुष्टि की है जिसमें पार्टी की जुलाई 2022 की सामान्य परिषद की बैठक के आयोजन को वैध माना था। इस बैठक के दौरान पलानीस्वामी को पार्टी का नेता बनाया गया था और उनके प्रतिद्वंद्वी ओ पन्नीरसेल्वम को निष्कासित कर दिया गया था।
न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी की अगुवाई वाली एक पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि मामले में शीर्ष अदालत का 6 जुलाई 2022 का एक अंतरिम आदेश सही था। इस अंतरिम आदेश ने 11 जुलाई की बैठक करने की अनुमति दी थी। इसने निर्देश दिया था कि 23 जून 2022 को आयोजित पिछली सामान्य परिषद की बैठक के एजेंडे पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।

















