
-प्रतिभा बिष्ट अधिकारी-

जब मनुष्य सभ्य नहीं हुआ था तो उसने भूख की ललक के चलते अनाज तो पहचान लिए थे पर कुछ बर्तनों का आविष्कार अभी बाकी था तो उसने आटे के डो बनाकर उसे यूं ही भट्टी में या लकड़ी में लपेटकर पकाना शुरु किया और उसे इसमें स्वाद आने लगा l
भलीभांति आटा गूंथकर दोनों तरफ से सेंककर और फिर आँच में पकाकर रोटी; शायद हमारे देश भारत में ही खाई जाती है l अधिकतर इस्लामिक देश या अपना सहोदर पाकिस्तान भी तवे में अल्टाई – पल्टाई रोटी ही खाता है l
अधिकतर देश ब्रेड ही खाते हैं l
रुमाली रोटियां मेहमानों के आने पर या मांस -सब्जियां भरकर आप में से बहुत जनों ने खाई होंगी l
होटल क्राउन प्लाजा तुर्की में रोटी के नाम पर करीब बारह तेरह प्रकार की बेक्ड रोटी/ ब्रेड थी l इन विभिन्न प्रकार के ब्रेड के अंतर्गत नरम क्रोसो, पफ , बीगल बन , ब्राउन ब्रेड , ब्रेड लोफ और बिन क्रीम की पेस्ट्रीज भी थीं l
मक्खन , चीज़ इफरात से भोजन काउंटर पर सजी थीं , खाई तो कुछ ही चीजें गईं पर मन खुश हो गया l यह लैविश ब्रेकफास कॉम्पलीमेंट्री था l यह यूरोप के होटलों से भी अधिक प्रकारों में था l
चीज के प्रकार देखकर आश्चर्य हुआ , बकरी, गाय , भैंस के दूध की फ्लेवर्ड चीज भी थी l
यहां ऑलिव / जैतून कई रूप रंगों में था l
विभिन्न प्रकार की जेली बचपन की चटोरी जिह्वा को आमंत्रित करने लगी पर जहां ताजे फल हों वहां यह पैक्टिन से पूर्ण जेली कौन खाएगा !
चाय के लिए पारंपरिक डबल बॉयलर न लगकर दोहरे डिब्बे वाली मशीन थी l
मैंने वहां ग्रीन टी छककर पी l
हां ; यहां फलों को बड़े टुकड़ों में लापरवाही से काटकर रखा गया था l
हमारे वहां यानी टर्की के टूर प्लानर भाई ने हमें ; हमारे होटल से ढाई किलोमीटर की दूरी पर भारतीय रेस्त्रां का पता बताया था पर हम लोग टैक्सी की समस्या के चलते नहीं गए l
रात्रि , दोपहर भारतीय पर्यटकों के लिए ख़ास बुफे/ बफे लगे थे पर यह टूर ऑर्गनाइजर द्वारा और ख़ास रसोइयों की देखरेख में तैयार थे l
हमने भी जब बफे का संज्ञान लिया तो वहां के मुख्य शेफ शाबन का कहना था कि टूर के ख़ास रसोइए का मंतव्य है कि जब गुजराती टूर खाना खा ले तो फिर हम बफे खरीद सकते हैं l
हमारे खुद्दार मन को यह आइडिया जरा भी मुनासिब नहीं लगा हालांकि भोजन की बर्बादी से बचने का यह कारगर उपाय हो सकता था l
हमने रात्रि भी वेजिटेबल सैंडविचेज खायीं और फ्राइड राइस ऑर्डर करने पर मोटे गोल दानों वाला , टमाटर प्यूरी में पका राइस खाया l
शानदार भोजन बनाने वाली मेरी छोटी बहन ने कुमाऊँनी भाषा में चुटकी ली –
” भोल हुं तुमर लिजी मि बनूल फ्राइड राइस ; तब देखिया अंतर ! ”
हैंडसम शेफ शाबन मुस्कुराकर रह गया क्योंकि बेचारे ने इतनी देर से हमारे समझाने पर यह खास फ्राइड राइस बनाया था हमारे लिए !
ग्रैंड बाजार में एक ‘ बार कम भोजनालय ‘ में बेयरा पहले बड़ी रोटी लाया लंच में और बाद में ग्रिल वेजिटेबल रख गया l
मैंने नोटिस किया यहां लोगो को बैंगन भी ग्रिल करके खाने का बड़ा चाव है l मुझे अपने मां के हाथ की बनी बैंगन के स्लाइस के कुरकुरे पकौड़े याद हो आए l
यहां भोजन में नमक डालने का रिवाज़ नहीं है , टेबल सॉल्ट रखा रहता है l