
-रानी सिंह-

1. युद्ध समाप्ति के उपरांत
विधवा हुई औरतें
पुत्रहीन हुए बूढ़े माँ-बाप
अनाथ हुए बच्चे
झोंक दिये जाते हैं
अंतहीन युद्ध में
और पहाड़-सी जिंदगी की
बोझ उठाए
करते रहते हैं संघर्ष ताउम्र।
2. युद्ध के मैदान में उतरे सैनिक
युद्ध करते-करते
ऐसे बीज बन जाते हैं
जिन्हें बो दिया जाता है
रक्त सिंचित भूमि में
कभी न पनपने के लिए।
3. युद्ध के मैदान से लौटा जवान
कोई बैसाखी पर चलता है
तो कोई ह्वीलचेयर पर
किसी की आस्तीन में हाथ नहीं होता
तो किसी के लिए
हर रंग ही काला पड़ जाता है।
4. युद्ध समाप्ति की
घोषणा तो हो जाती है
लेकिन युद्ध में
अंग-भंग होकर लौटे
योद्धाओं की जिंदगी में
युद्ध जारी रहता है।
5. सभी जानते हैं
युद्ध के मैदान में
शांति वार्ता नहीं होती
उसके लिए आमने-सामने बैठना पड़ता है
लेकिन फिर भी
मालिक युद्ध की घोषणा करेंगे
रक्तपात कराएंगे
फिर दिखावा युद्ध समाप्ति का
हर नया मालिक इसे दोहराएगा
बार-बार दोहराएगा।
(प्रसिद्ध कवयित्री एवं रचनाकार)

















