भूली बिसरी यादेंः गर्म गुड़ के आगे तो सारी मिठाई फेल

पुराने दिनों की याद में, मन खेतों की ओर खिंचा चला जाता है, जहां गन्ने की पिराई के साथ गुड़ भी बनता था। सूती मोटे खादी वाले कपड़ों में पंसेरी, दसेरी (५किलो १०किलो) की गुड़ की भेली तैयार होती थीं। खेत पर खाने के साथ, गर्म गुड़ खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता था, इसके आगे फार्म हाउस वाली पिकनिकें फीकी लगती हैं

-मनु वाशिष्ठ-

manu vashishth
मनु वशिष्ठ

गर्म बनते हुए गुड़ की ये जानलेवा महक जब भी आती है, मुंह ही नहीं दिल दिमाग सब मिठास से भर जाता है। पुराने दिनों की याद में, मन खेतों की ओर खिंचा चला जाता है, जहां गन्ने की पिराई के साथ गुड़ भी बनता था। सूती मोटे खादी वाले कपड़ों में पंसेरी, दसेरी (५किलो १०किलो) की गुड़ की भेली तैयार होती थीं। खेत पर खाने के साथ, गर्म गुड़ खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता था, इसके आगे फार्म हाउस वाली पिकनिकें फीकी लगती हैं। जिस दिन गुड़ बनता था, उस दिन पूरे मोहल्ले में गन्ने का रस स्टील की कलसी में भरकर बंटवाया जाता था। शायद यह सबको आश्चर्य लगे, लेकिन यह सब मैंने देखा, किया हुआ है। ताजा रस को नींबू या दही के साथ पिया जाता था। रात को गन्ने के रस में चावल की रसखीर बनाई जाती थी, जो कि बहुत ही स्वादिष्ट बनती थी। जिसे रात में गर्म दूध या घी के साथ और ठंडी रसखीर को दही या छाछ के साथ खाया जाता था। यह चीजें तो अब लुप्त सी होती जा रही हैं, इसके कितने ही फायदे थे। बहुत सुंदर यादें हैं गुड़ की, गुड़! हम उत्तर प्रदेश वालों की ऐसी कमजोरी है, जो गांव से दूर जाने पर ही पता चलता है। गर्म गुड़ के आगे तो सारी मिठाई फेल। आज जब ऐसे ही पुराने दिनों की चर्चा चल रही थी तो याद आया। #आहार चिकित्सा में हम अपने खान-पान द्वारा स्वास्थ्य को किस तरह बेहतर बना सकते हैं, यह देखें। सर्दियों के मौसम में गर्म दूध का गुड़ के साथ सेवन, बहुत ही लाभकारी है। पुराने समय में रात को दूध का सेवन गुड़ के साथ, आदत में शुमार था। गुड़ हमेशा बिना रसायन वाला (chemical) ही प्रयोग करें, दिखने में थोड़ा गहरे रंग का दिखेगा लेकिन फायदा भी यही करेगा, रसायन (chemical) से साफ किया हुआ नहीं। उस समय चीनी का उपयोग नहीं के बराबर ही था।
गुड़ में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो हमारे रक्त की अशुद्धियों को दूर कर देता है। दूध के साथ गुड़ खाया जाए तो यह सोने पर सुहागे जैसा है, इससे #वजन कंट्रोल के साथ रक्त शुद्ध होकर त्वचा में निखार आता है। गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कॉपर तत्व, ग्लूकोज अच्छी मात्रा में पाया जाता है। गुड़ में इतने अधिक विटामिंस, आयरन और भी इतनी मिनरल्स होते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही गुणकारी हैं। इससे हम अनेक प्रकार की बीमारियों से बचे रहते है। #वातरोग में भी गुड़ फायदा करता है। अदरक के साथ गुड़ खाने से जोड़ों में मजबूती आती है।
रोजाना रात को सोने से पहले गुड़ और दूध का सेवन #पाचन को बेहतर बनाता है, इससे गुण से पेट में #गैस की समस्या भी नहीं होती, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा कई तरह की बीमारियों से बचाता है। दूध में कैल्शियम, गुड़ में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, दोनों के पोषक तत्व मिलकर #मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत बनाते हैं। इसलिए रात को दूध के साथ एक छोटा टुकड़ा गुड़ का अवश्य लेना चाहिए। गुड़ में पाए जाने वाला आयरन जोड़ों के दर्द के लिए बहुत ही गुणकारी है, दूध में मिलने वाला कैल्शियम, विटामिन डी गुड़ के साथ मिलकर हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके अलावा अदरक के साथ ही गुड़ खाने से काफी लाभ मिलता है। तथा जोड़ों के #दर्द से राहत मिलती है। रात में दूध के साथ लेने से वजन भी नियंत्रित रहता है। रक्त को साफ करने में, एनीमिया में गुड़ की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए #पीरियड्स के समय होने वाले दर्द में तथा जब भी कोई #तनाव हो तो टेंशन दूर करने के लिए थोड़ा सा गर्म दूध के साथ गुड़ का सेवन बहुत ही हितकर है, अवश्य लें। #ऑफिस से घर आने पर #थकान को दूर करने के लिए या कहें तनाव को दूर करने के लिए गुड़ तथा गर्म दूध का सेवन बहुत ही उपयुक्त, लाभकारी है। यह रक्त की कमी हीमोग्लोबिन, तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। सर्दियों के मौसम में अस्थमा के मरीजों को काफी दिक्कत होती है, शरीर को गर्म रखने तथा कफ को बाहर निकालने में गर्म सौंठ वाले दूध (दूध में सौंठ या अदरक डालकर उबालें) के साथ गुड़ का प्रयोग बहुत ही लाभकारी है। श्वसन तंत्र को मजबूत कर, दमा में फायदा पहुंचाता है। वागभट्ट जी का कथन है कि दही के साथ गुड़ का प्रयोग दूध से भी अधिक लाभप्रद है। इसलिए इस सर्दी में चीनी को छोड़ गुड़ खाएं और स्वस्थ रहें।
__ मनु वाशिष्ठ कोटा जंक्शन राजस्थान

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