
-धीरेन्द्र राहुल-

(वरिष्ठ पत्रकार)
विश्व विरासत में शामिल रामगढ़ क्रैटर के पास स्थित भण्डदेवरा , एक हजार साल पुराना शिव मंदिर है जिसे मालवा के शासक मलय वर्मा ने शत्रु देश पर विजय की खुशी में दसवीं शताब्दी में बनाया था. बाद में 1162 में मलय वर्मा के पौत्र त्रिशास वर्मा ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था. इसका एक शिलालेख कोटा के पुरातत्व संग्रहालय में सुरक्षित है.
यह शिलालेख संस्कृत में है. इतिहासविद् फिरोज अहमद का कहना है कि भण्डदेवरा को मिनी खजुराहो भी कहा जाता है. मंदिर की बाहरी दीवारों पर आलिंगनबद्ध और मैथुनरत युगलों की मूर्तियां उकेरी गई हैं.
गत 1 सितम्बर को जब मैं अपने मित्र शैलेश पाण्डेय के साथ भण्डदेवरा पहुंचा तो यह देखकर दंग रह गया कि इस भग्न शिवालय में प्रतिदिन डेढ़ हजार श्रद्धालु बेखौफ महादेव के दर्शन करने आते हैं. मन्दिर का शीर्ष आधा ध्वस्त हो गया है. बीच वाले गुम्बद के भी कई हिस्से गायब हो चुके हैं, आप नीचे खड़े होकर आसमान को देख सकते हैं. गुम्बद की छत पर चारा उगा हुआ है.
भारतीय सांस्कृतिक निधि के बारां चैप्टर के कन्वीनर जितेन्द्र कुमार शर्मा सन् 2010 से इसके जीर्णोद्धार के लिए प्रयत्नशील हैं. वे बताते हैं कि सबसे पहले तत्कालीन मुख्य सचिव सलाहुद्दीन अहमद का ध्यान इस भग्न मंदिर की ओर गया. वे स्वयं भी इंटैक से जुड़े थे. उन्होंने राज्य सरकार से 5 करोड़ स्वीकृत करवाए. लेकिन जब वे मौका मुआयना करने आए तो सीमेन्ट से मरम्मत का काम देखकर हतप्रभ रह गए. उन्होंने काम रुकवा दिया. बाद में स्वीकृत पैसा आमेर किले के जीर्णोद्धार के लिए ट्रांसफर कर दिया गया.
इसके बाद 2014 से पहले पर्यटन विकास विभाग ने रूड़की आईआईटी को 7.50 लाख रूपए भेजें और
भण्डदेवरा मंदिर के जीर्णोद्धार की डीपीआर तैयार करने का अनुरोध किया. दो साल बाद रूड़की ने यह कहते हुए पैसे लौटा दिए कि प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार हमारे बस का नहीं.
इसके बाद सिरोही चैप्टर के कन्वीनर आशुतोष पाटनी ने बीड़ा उठाया कि वे मंदिर निर्माण में दक्ष सोमपुरा शिल्पियों को साथ लेकर भण्डदेवरा का जीर्णोद्धार कर सकते हैं. इस बीच जनसहयोग से वे जोलपा के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कर चुके थे. बारां चैप्टर के सदस्य जोलपा के काम को भी देखकर आएं थे.
जितेन्द्र का कहना था कि राजस्थान के पर्यटन विभाग ने भण्डदेवरा के जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान कर दी है. आगामी 8 सितम्बर को बारां जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक में इस विषय पर चर्चा होगी. तभी पता चलेगा कि कितना बजट स्वीकृत किया है और जीर्णोद्धार के लिए कौन सा तरीका अपनाया जाएगा.

















