घट स्थापना के साथ त्योहारी सत्र का आगाज, अगले माह तक जारी रहेगा उत्सवी माहौल

नवरात्र के पहले दिन कोटा शहर में मंदिरों के साथ लोगों ने अपने घरों में भी घट स्थापना कर नवरात्र महोत्सव के नौ दिन के पूजन कार्यक्रम की शुरुआत की। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना के बाद शैलपुत्री की पूजा की गई

dadh devi
कोटा के पास स्थित डाढ देवी मंदिर में स्थापित देवी। फोटो एएच जैदी

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। आज से नवरात्र पर घट स्थापना के साथ इस साल के अंत के हिंदुओं के त्योहारी सत्र की शुरुआत हो गई जो अगले माह अक्टूबर के अंत तक कार्तिक कृष्ण पक्ष में सबसे बड़े त्योहारों में शामिल दीपोत्सव के साथ अपने चरम पर होगी। आज घर-घर में घट स्थापना के साथ नौ दिवसीय नवरात्र महोत्सव की शुरुआत हो गई। नवरात्र के पहले दिन कोटा शहर में मंदिरों के साथ लोगों ने अपने घरों में भी घट स्थापना कर नवरात्र महोत्सव के नौ दिन के पूजन कार्यक्रम की शुरुआत की। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना के बाद शैलपुत्री की पूजा की गई। यह महोत्सव अब आज से अगले नौ दिन तक जारी रहने वाला है। 3 अक्टूबर को महाअष्टमी और 4 अक्टूबर को रामनवमी के साथ इसका समापन होगा।

5 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन रावण दहन

कोटा में 5 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन ‘असत्य पर सत्य की विजय’ के प्रतीक स्वरूप रावण दहन करके दशहरा महोत्सव का आगाज किया जाएगा। कोटा में तो विजयदशमी के साथ अगले 25 दिनों तक दशहरा मेले का आयोजन होने के कारण जमकर धूमधाम रहने वाली है। पिछले 2 सालों तक वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के कारण सरकारी स्तर पर किसी भी तरह के मेले और अन्य सार्वजनिक धार्मिक उत्सव के आयोजन पर रोक होने के कारण कोटा के प्रसिद्ध दशहरा मेले का आयोजन नहीं हो सका था लेकिन दो साल बाद अब कोटा में दशहरा मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसको लेकर आम लोगों सहित व्यापारियों-कारोबारियों सहित सभी वर्गों में जबरदस्त उत्साह है।

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कोटा के आशापाला मंदिर में सजी देवी

कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेला

कोटा नगर निगम कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेला का नाम देखकर इस भव्य और जनभागीदारी से भरपूर मेले का आयोजन करता रहा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा हासिल नहीं है, लेकिन इस सरकारी फैसले के विपरीत कोटा ही नहीं बल्कि समूचे हाडोती संभाग में हर साल दशहरा मेले को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह रहता है और मेले के उद्घाटन के बाद आने वाले 25 दिनों में इस मेले में लाखों लोगों की व्यक्तिगत भागीदारी सुनिश्चित है। कोटा दशहरा मेला में स्थानीय ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए कारोबारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान सजाते हैं जहां खरीदारी के लिए मेला अवधि के दौरान दिन से लेकर मध्यरात्रि बाद तक जमकर भीड़-भाड़ लगी रहती है और हर साल यहां करोड़ों रुपए का कारोबार होता रहा है। दशहरा मेले के दौरान मनोरंजन की भरपूर व्यवस्था होती है और कोटा में दशहरा मैदान स्थित विजयश्री मंच पर हर दिन अलग-अलग भव्य सांस्कृतिक-मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

दीपोत्सव 22 अक्टूबर से

कोटा में दशहरा महोत्सव के समापन के साथ ही रमा एकादशी से हिंदू समुदाय के सबसे लोकप्रिय और धार्मिक आस्था के बडे पर्व दीपोत्सव का आगाज हो जाता है और यह जन महोत्सव करीब सात दिन तक चलता है इस साल 21 अक्टूबर को रमा एकादशी के बाद दीपोत्सव के तहत 22 अक्टूबर को धनतेरस, 24 अक्टूबर को मुख्य दीपोत्सव यानी दीपावली, 26 अक्टूबर को अन्नकूट महोत्सव एवं गोवर्धन पूजा, 27 अक्टूबर को भाई दूज का आयोजन होगा और इसी के साथ दीपोत्सव का समापन हो जाएगा।

पारंपरिक रुप से आशापाला माता का पूजन

dashahra pooja

मंत्रोचरण के साथ दशहरा मेला समिति सदस्य, पार्षद और अधिकारियों ने विधिवत पूजा की। आरती के बाद माता के जयकारों से मंदिर परिसर गूंजा। मेला अध्यक्ष मंजू मेहरा, आयुक्त राजपाल सिंह, सदस्य और उप महापौर पवन मीणा, अनिल सुवालका, एसई प्रेम शंकर शर्मा, मेला अधिकारी गजेंद्र सिंह, समिति सदस्य अनूप कुमार अन्नू, चेतना माथुर भी मौजूद रहे।

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