
कोटा। भारतीय इतिहास संकलन समिति कोटा इकाई के तत्वावधान में 16 अगस्त को शनिवार को विभाजन विभीषिका दंश ‘विषय पर संगोष्ठी , परिचर्चा का आयोजन नवनीत सोनी के आवास पर सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी के मुख्यातिथि भारतीय इतिहास संकलन समिति के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध इतिहासविद् प्रोo मोहन लाल साहू थे। मुख्यवक्ता इतिहास विद् प्रोफेसर अरविन्द सक्सेना रहे। अध्यक्षता भारतीय इतिहास संकलन समिति कोटा के अध्यक्ष प्रो आदित्य कुमार गुप्ता ने की। संचालन जिला इकाई सचिव नवनीत सोनी ने किया। प्रो साहू ने अपने उद्बोधन में बताया कि तुष्टिकरण की नीति के कारण विभाजन हुआ जिसमेँ लाखों निर्दोष स्त्री- पुरुषों की जाने गयीं। महिलाओं के साथ बलात्कार हुए। राजनीतिक स्वार्थ ने भारतीय अस्मिता को लहूलुहान कर दिया। विभाजन का दंश अंदर तक हिला देता है। आज की युवा पीढ़ी को इसका ज्ञान कराना समय की माँग है। मुख्यवक्ता प्रो सक्सेना ने कहा कि विभाजन मो० जिन्ना और स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व कर रहे तत्कालीन स्वार्थी एवं तुष्टीकरण प्रेमी नेताओं की गलत नीतियों के कारण हुआ जिसने भारतीयों को अविस्मरणीय दंश दिये। वामपंथी इतिहासकारों ने इस विभीषिका के भयावह दंश के सच को छुपाने का प्रयास किया है। अब समय आ गया है । युवा पीढ़ी इस सच को जाने।
प्रो आदित्य कुमार गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कि विभाजन विभीषिका का दंश हृदय दहलाने वाला है। विभाजन और उसके बाद लाखों निर्दोष भारतीय का कत्लेआम सोची समझी रणनीति का परिणाम है। भारतीय अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों का पर्दाफाश होना ही चाहिए।इस अवसर पर अमेरिका से पधारे चर्चित इतिहास विद् डॉ प्रकाश सक्सेना ने विभाजन के समय की त्रासदी एवं उन्होंने वाले कत्लेआम महिलाओं के साथ अमानवीयता आदि को रेखांकित करने वाली पुस्तकों की जानकारी दी। डॉ नरेन्द्र धाबाई ने भी विचार रखे। डॉ महावीर साहू, डाँ अचल रविन्द, डा राकेश राजौरा, मनीष सैनी, डा महावीर नागर, आदि अनेक सदस्यों, नागरिकों की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही। राष्ट्र गान के साथ आयोजन का समापन हुआ।
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