meenal singh
मीनल सिंह

कोटा. किसी के जीवन को बचाने के लिए महज 19 साल की बेटी व 23 साल का बेटा रात को पढाई करते हुए एक मैसेज पर स्टेशन से तलवंडी रक्तदान करने पहुंच गए। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के रीजन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि निजी अस्पताल में भर्ती मरीज रामचन्द्र को चार यूनिट एबी नेगेटिव ब्लड ग्रुप की आवश्यकता थी, मरीज की हार्ट की सर्जरी होनी थी और वह पूरे कोटा शहर के ब्लड बैंक में धूम आए साथ ही अपने परिचितों से भी बात कर ली लेकिन व्यवस्था कहीं नहीं हुई।

विकास सिंह

उसके बाद एक मैसेज पूरे शहर में भेजा गया, कई लोगों ने देखा भी, प्रयास भी किया, रात 1.30 बजे फोन आया कि में कोचिंग स्टूडेंट हूं और मेरा ब्लड ग्रुप एबी नेगेटिव है, मेरे भाई और मां का ग्रुप भी एबी नेगेटिव है। उनके पास कोचिंग के फैकल्टी दीपक अरोड़ा ने वायरल मैसेज को भेजा था। बेटी मीनल सिंह ने कहा कि वह ब्लड डोनेशन करना चाहती है, रात ज्यादा हो चुकी थी, उसके बाद उसकी मां नीलम सिंह ने बात की , मां को मानवीय भाव से बिटिया का रुख ने काफी प्रभावित किया और तीनो तैयार होकर तलवंडी अपना ब्लड सेंटर पहुंचे और रक्तदान से सम्बंधित अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। बच्चों के पिता भी घर पर नहीं थे, ऐसे में उनका साहस, सहायता, मानवता का भाव शिरोधार्य था। ब्लड डोनेशन शुरू हुआ और दोनो भाई बहन ने रक्तदान किया। ऐसे में वह रात करीब 3.30 बजे अपने घर के लिए रवाना हुए।

बडा व्यक्ति बनना आसान, अच्छा इंसान का बनने का हो प्रयास
मीनल सिंह व  विकास सिंह ने बताया कि रात को ऐलन के एक सर दीपक अरोडा का ग्रुप में एबी नेगेटिव का मैसेज देखकर मोटिवेट हुए। शिक्षा के साथ ये भी पढाया जाता है कि आप बडे व्यक्ति तो बन जाओंगे लेकिन एक अच्छा इंसान पहले बनना चाहिए। वहीं सोच के साथ एक अच्छा व्यक्ति बनने की प्रेरणा जाग्रह हुई और रक्तदान करने पहुंचे। मीनल मेडिकल की तैयारी कर रही है, वहीं विकास बीएड कर रहा है। दोनो भाई बहन ने पहली बार रक्तदान किया। कोटा का ये मामला सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा में रहा और उन्हें ढेर सारी बधाईयां मिल रही हैं।

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