
– विवेक कुमार मिश्र

अमूमन सर्दियों में चाय
हर कोई पीने लगता है
जो नहीं पीते या कभी कभार पीते हैं
वे भी सर्द हवाओं के बीच कांपते समय में
चाय को राहत के रूप में देखते हैं
इन दिनों जब ठंड दस्तक दे रही है
हवाएं भी बिना कहे चली आ रही हैं
और कह रही हैं कि थोड़ा संभल कर रहो
थोड़ा भी इधर उधर हुए कि …
ठंडी हवाएं अपने लपेटे में ले लेंगी
बड़े बड़े बहादुर भी ठंडी हवाओं के मैदान में
थर थर कांपते मिलते हैं
ऐसे में आप कुछ करें या न करें पर
चाय की गर्माहट से गला तर कर लें
समय समय पर चाय लेते रहे
इन दिनों में चाय एक तरह से दवा हो जाती है
जब अदरक ,काली मिर्च, दालचीनी, इलायची ,लौंग और तुलसी पत्ता को कूट पीस कर
गर्मागर्म चाय बनायी जाती है तो
कैसी भी हवा चलें
उससे लड़ने का एक सहारा सर्दी के दिनों में
चाय के प्याले के साथ मिल ही जाता है
चाय पीजिए और समय की हवाओं का सामना करते रहिए
चाय बराबर से कह रही है कि
हमारे साथ हैं तो किसी भी मौसम में
किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।
– विवेक कुमार मिश्र