बीज और बच्चे

cheng qi huang l58875of03w unsplash
photo courtesy Cheng Qi Huang
-मनु वाशिष्ठ-
manu vashishth
मनु वशिष्ठ
बीज और बच्चे
होते हैं एक जैसे
जिनमें छुपी हैं
अनंत संभावनाएं
सब जानते हैं
फिर भी
मातापिता कहां मानते हैं
बेटियों को रोपते हैं
धान की तरह
और बेटों को भी
जो बन सकता था
विशाल वट वृक्ष
बोनसाई बना कर छोड़ते हैं
बच्चे कोई बीज नहीं हैं
मत करिए
उन पर अपनी चाहतों के प्रयोग
मत लादिए उन पर अपनी
ख्वाहिशों के बोझ
सह नहीं पाएंगे
और आपके अकुशल
तरीकों से
ये नन्हे फूल (बच्चे)
पेड़ बनने से पहले ही मुरझा जाएंगे।।
(कवयित्री कोटा जंक्शन, राजस्थान की निवासी हैं)
Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments