
-डॉ रमेश चंद मीणा-

सौंदर्य के प्रश्न
सदियों से ही अनुत्तरित रहे ?
ऐसा नहीं है कि प्रयास नही हुआ,
पर कभी पूर्ण समाधान नही हुआ?
हरेक युग मे – काल खंड में,
बहुतों का रहा योगदान ,
शिव,ईशा मसीह,श्री कृष्ण-राम,
महावीर स्वामी ,बुद्ध गौतम ,
महीयसी दुर्गा- मीरा,माँ टेरेसा ,
दादू-रैदास,कबीर, तुलसीदास,
सूरदास-रसखान व पेरियार,
भरतमुनि,अभिनव-आनन्द वर्धन,
सुकरात,प्लेटो-अरस्तु ने,
हेगेल,क्रोचे,नीत्शे-
टैगौर,गांधी व ओशो से,
पर अनसुलझे ही रहे –
कुरूपता का अंधकार,
आज भी ,
सौंदर्य के प्रकाश से घना ,
बुराई पर अच्छाई की जीत हुई,
फिर भी पराजय रही- अधूरी,
आखिर कब पूर्णरुपेण,
सुलझेंगे सौंदर्य की;उलझी गांठे ?
कौन सुलझाएगा?
सौंदर्य के सम्पूर्ण रहस्य की परतें,
जिससे दानवता हारे,
-सदा सदा के लिए-
मानवता की पराकाष्ठा जीते ।।
(सहायक आचार्य- चित्रकला)
राजकीय कला महाविधालय, कोटा (राजस्थान)
मो. 9816083135
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