
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ जिस ब्रह्मास्त्र का उपयोग करते हुए क्रमशः 99 और 234 सीट जीती थी और भारतीय जनता पार्टी को 240 सीटों पर रोका था, उसी के सहारे, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी मनमानी करने से संसद में रोकेगा।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार 24 जून को जैसे ही शुरू हुआ कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नव निर्वाचित सांसद, अपने हाथों में संविधान की पुस्तक लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस समय दिखाने लगे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में शपथ ले रहे थे।
संसद के भीतर राहुल गांधी और संसद के बाहर श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संविधान की किताब हाथों में लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह एहसास कराया की इस बार उनकी मनमानी नहीं चलेगी।
इंडिया गठबंधन के राज्यसभा और लोकसभा सांसदों ने समवेत स्वर में नारा लगाया कि संविधान की रक्षा हम करेंगे।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि संविधान की रक्षा का मुद्दा बनाकर, कांग्रेस 99 और इंडिया गठबंधन 234 सीट जीते थे वैसे ही भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में मनमाने ढंग से विधेयक पारित करने से रोक सकेंगे।
2024 के लोकसभा चुनाव में संविधान के मुद्दे ने कांग्रेस को जबरदस्त समर्थन दिया, जन समर्थन के कारण ही कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी को 240 सीटों पर रोकने में कामयाब हुई।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लड़ने के लिए एक अचूक मुद्दा मिल गया जो सीधे जनता की भावनाओं से जुड़ गया और जिसने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के राम मंदिर और हिंदुत्व जैसे अचूक मुद्दे को धराशाही कर दिया।
जिसका नजारा अयोध्या में देखने को मिला जहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के दलित नेता से लोकसभा का चुनाव हार गए। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा सरकार को भविष्य में संविधान की रक्षा के मुद्दे को निरंतर जनता के बीच ज्वलंत रखकर हराना चाहते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)