
-अख्तर खान अकेला-

कांग्रेस के ज़िम्मेदार पदों पर बैठे हुए लोग ,, काश राहुल गांधी की कही गई बातों को कोरी बकवास ना समझते ,, उनके कहे अल्फ़ाज़ों को, तुरंत बिना किसी देरी के शत प्रतिशत लागू करते तो आज कांग्रेस में भाजपा के छुपे लोगों से कांग्रेस को हो रहा है नुकसान, का जुमला, दर्जनों नहीं, हज़ारों नामज़द लोगों के निष्कासन की सूचि के साथ, गद्दारों को बाहर का रास्ता दिखा दिया होता। लेकिन क्या पता , गद्दारों को जिन्हे बाहर का रास्ता दिखाना है, वोह खुद भी भाजपा से गवर्न हो रहे हों। यही वजह है के अभी तक कोई एक्शन कांग्रेस में राहुल गांधी के आदेश कहो, निर्देश कहो, मंशा कहो, उसके मुताबिक़ कोई निष्कासन सूचि के साथ कार्यवाही नहीं हुई है।
मैं लगातार कांग्रेस में भाजपा के मुखबिरों , कोंग्रेसियों के बारे में कहता, लिखता रहा हूँ। खुद राहुल गांधी जब राष्ट्रीय अध्यक्ष थे , तब से ही उन्हें भी विस्तृत लिखता रहा हूँ। अभी हाल ही में फिर एक आर्टिकल लिखा था , जिसमें भाजपा भक्त कोंग्रेसियों के कारण कांग्रेस जीती हुई बाज़ी हार रही है, लिखा था। खुद राहुल गांधी ने भी उक्त आलेख को , पढ़ा था। ऐसा वार रूम वालों ने बताया है। बस राहुल जी को तो कांग्रेस में छुपे भाजपा के मुखबिर,कांग्रेस के गद्दारों की सच्चाई समझ में आ गई, लेकिन उनके खुले बयान, कांग्रेस में छुपे भाजपाइयों के खिलाफ कार्रवाई हो, आने के बाद भी , राजस्थान में प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा , प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा , कोटा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, देहात जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, बूंदी जिला कांग्रेस अध्यक्ष की समझ में अभी तक राहुल गांधी की कोई भी बात नहीं आई है। या फिर इन लोगों के दिलों में अनुशासन में राहुल गांधी के किसी भी इशारे, किसी भी मंशा , कांग्रेस को भाजपा मुक्त करने के प्रयासों के प्रति कोई आदर सम्मान है ही नहीं। यह सब सच इसलिए साबित नज़र आता है कि कोटा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से भाजपा में खूब आया राम गया राम चला। कोटा लोकसभा का चुनाव कांग्रेस जीतने की स्थिति में होने के बावजूद भी आंतरिक गद्दारी,भीतरघाती की वजह से कोटा कांग्रेस लोकसभा प्रत्याक्षी चुनाव हारे। फिर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अमीन पठान के ऊपर जब योजनाबद्ध मुकुदमें बाज़ी , तोड़फोड़ हुई तो भाजपा से हाथ मिलाये हुए कांग्रेस चुप रही। अभी भी कोटा में हज़ारों बीघा की भूमि के अतिक्रमण , कई औद्योगिक, आर्थिक घोटालों, निर्वाचित संस्थाओं के चुनावों के बगैर उन पर बिना निर्वाचन के क़ब्ज़े सहित कई ऐसे मामले हैं, जिसमें कांग्रेस , कांग्रेस के नेता , कांग्रेस के पूर्व मंत्री, विधायक, सांसद के वर्तमान और पूर्व उम्मीदवार, अध्यक्ष, प्रभारी, चुप्पी साधे बैठे हैं। जिला अध्यक्ष द्वारा दी गई गद्दारों की लिस्ट, प्रदेश अध्यक्ष के पास है। खुद कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़े प्रह्लाद गुंजल की शिकायत प्रदेश अध्यक्ष के पास है। चलो कोई बात नहीं, तो खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के समक्ष कोटा के ओरिजनल हालत हैं, लेकिन बूंदी और कोटा शहर, देहात के भाजपा भक्त कांग्रेसी गद्दारों को आज भी ,,,,खासकर राहुल गाँधी की खुली मंशा ज़ाहिर होने पर भी उदाहरण स्वरूप भी नहीं हटाया गया है। बात साफ़ है कि कोटा जिला कांग्रेस, बूंदी जिला कांग्रेस, प्रदेश कांग्रेस और खुद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने इस पर कोई प्रदेश स्तरीय मंथन , चिंतन नहीं किया है। राहुल गांधी के इस , जीवन के पहले कड़वा सच उजागर करने वाले बयान की पालना इन ज़िम्मेदारों द्वारा तत्काल रूप से नहीं की जा रही है। ऐसे में तो फिर हम हारेंगे , भाजपा जीतेगी और हम , राहुल की नाकामयाबी, ई वी एम की बेईमानी का रोना रो रोकर इस कड़वे सच को छुपाकर फिर से भाजपा सत्ता में आये इसके सूत्रधार बनते रहेंगे।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 098290 86339
(लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता और एक्टिविस्ट हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)