राहुल गांधीः वायनाड सीट छोडी है, जनता का साथ नहीं छोड़ा

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वायनाड के पीडितों का दर्द सुनते राहुल गांधी। फोटो सोशल मीडिया

– अपनों का दर्द बांटने वायनाड पहुंचे राहुल गांधी !

-देवेंद्र यादव-

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देवेंद्र यादव

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता का ग्राफ क्यों बढा इसकी मिसाल 1 अगस्त गुरुवार के दिन देखने को मिली जब राहुल गांधी वायनाड की लोकसभा सीट छोड़ने के बावजूद अपनों का दर्द बांटने वायनाड पहुंच गए। जहां भारी बारिश के कारण जबरदस्त भूस्खलन हुआ जिसमें करीब ढाई सौ लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए। राहुल गांधी पीड़ित परिवारों से मिलकर भावुक हो गए और रोने लगे। राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका दुख बांटा और और विश्वास दिलाया कि घबराओ मत हम हैं ना। राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री प्रियंका गांधी भी पीड़ित परिवारों का दुख दर्द बांटने वायनाड पहुंची थी। राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने से पहले वहां की जनता से वादा किया था कि इस सीट पर मेरे परिवार का व्यक्ति चुनाव लड़कर आपकी सेवा करेगा, इसीलिए प्रियंका गांधी जनता का दुख दर्द बांटने वहां पहुंची थी। भले ही राहुल गांधी वायनाड सीट को छोड़कर रायबरेली से सांसद हैं मगर राहुल गांधी का दिल अभी भी वायनाड की जनता के लिए धड़कता है। यही वजह है कि पीड़ित परिवारों से मिलकर राहुल गांधी रोने लगे।

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद राहुल गांधी से उनकी जाति और राहुल गांधी ने नशा किया है या नहीं का टेस्ट करवाने की मांग करते रहे और राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों का दर्द बांटकर मानवता को अपनी जात बताया और मानव सेवा को अपना नशा बताया।
वह अपनों का दर्द सुनकर विचलित हो रहे थे। कुदरत का कैसा खेल है कि पहले केरल बाद में हिमाचल में अपना रूद्र रूप दिखाया और दोनों जगह प्रलय आया मगर हिमाचल प्रदेश से भाजपा के दोनों सांसद राहुल गांधी से उनकी जात पूछते रहे। राहुल गांधी तो अपनों का दर्द बांटने केरल पहुंच गए और हिमाचल के दोनों भाजपा सांसद संसद के भीतर और संसद परिसर में राहुल गांधी पर सवाल खड़े करते रह गए।
भाजपा के एक सांसद ने राहुल गांधी पर सवाल उठाया था कि केरल में एक बड़ी घटना हो गई और राहुल गांधी अभी तक वहां नहीं पहुंचे, शायद कुदरत से अनभिज्ञ भाजपा के सांसद को यह पता नहीं था कि केरल की तरह उत्तराखंड और हिमाचल में भी ऐसी घटना हो जाएगी।
राहुल गांधी तो पीड़ितों का दर्द बांटने केरल पहुंच गए मगर दिल्ली से भाजपा के नेता अभी तक हिमाचल और उत्तराखंड नहीं पहुंचे।
राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद वहां उपस्थित पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है, हमें लोगों की मदद कैसे करनी है इस पर ध्यान देना है। राहुल गांधी की बात में इसलिए दम है क्योंकि कुदरत की मार देश के जिन तीन राज्यों पर पड़ी है उन तीनों राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकार है। केरल में वाम दल की उत्तराखंड में भाजपा की हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है और इन तीनों ही राज्य में भारी बारिश के कारण तबाही देखने को मिल रही है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

आंखे तलाशती रहीं एफिल टॉवर

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