
-विष्णुदेव मंडल-

चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सत्ताधारी डीएमके और उसके सहयोगी दल और राज्यपाल का विवाद सड़कों पर आ गया है।
बताते चलें कि मंगलवार को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के अलावा अन्य जिलों में भी सत्ताधारी दल डीएमके और उनके सहयोगी दलों ने गवर्नर के खिलाफ स्लोगन सोशल मीडिया पर ट्रेंड करवाया। कई इलाकों में गवर्नर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। तमिलनाडु के अन्य जिले सेलम, धर्मापुरी, तिरुवरूर, तिरुवन्नामलाई ,पुदुचेरी आदि में कानून के छात्रों के अलावा अन्य कॉलेज के छात्रों ने भी राज्यपाल आर एन रवि के विरोध में धरना और प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना था कि हमारे आदर्श रहे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अन्नादुरई एम करुणानिधि, पेरियार आदि महापुरुषों के योगदान बारे में अभिभाषण में उल्लेखित होने के कारण राज्यपाल ने उक्त भाषण को पढ़ने से परहेज किया जो तमिलनाडु के महापुरुषों और निवासियों का अपमान है। राज्यपाल केंद्र सरकार के मुखौटे के रूप में काम कर रहे हैं। लोकतांत्रिक ढांचे का अपमान हो रहा है इसीलिए हम विरोध में खड़े हैं।
यहाँ गौरतलब है कि सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल द्वारा अभिभाषण में कुछ अंशों को नहीं पढ़े जाने के कारण तमिलनाडु की राजनीति में भूचाल आ गया है। सत्ताधारी और उनके सहयोगी दलों का कहना है कि तमिलनाडु की जनता ने हमें जन कल्याणकारी काम करने के लिए चुना है। भविष्य की योजनाओं का उल्लेख करना सरकार का काम है। लेकिन राज्यपाल सरकार के खिलाफ विपक्ष की तरह व्यवहार कर रहे हैं,जो संविधान की मर्यादा के खिलाफ है। डीएमके नेताओं का कहना था कि आमतौर पर सरकार द्वारा तैयार मसौदा ही राज्यपाल को पढ़ने के लिए दिया जाता है। परंपरा भी यही है। लेकिन केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद पिछले कुछ वर्षों से राज्यपाल प्रदेश में राज्य सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में दखल देने के समान है जिसे तमिलनाडु में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने किया हस्तक्षेप
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने डीएमके और सहयोगी दलों के कार्यकर्ता और कॉलेज के छात्रों द्वारा तमिलनाडु की राजधानी समेत अन्य जिलों में प्रदर्शन और स्लोगन और पोस्टर चिपकाने पर एतराज जताया है। उन्होंने मंगलवार को डीएमक मुख्यालय में विधायकों और सहयोगी दलों के विधायक को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में जो घटित हुआ उसे बार-बार दोहराना ठीक नहीं है। राज्यपाल के खिलाफ पोस्टर और ट्विटर वार से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। हमारा काम है जनता की सेवा करना है इसलिए विधायकों और कार्यकर्ताओं से मेरी अपील है वह अपना काम क्षेत्रों में दिखाएं। नकारात्मकता का जवाब नकारात्मकता से नहीं दें। शहर में राज्यपाल के खिलाफ लगाए गए सभी बैनर पोस्टर को उतार लिया जाए और सोशल साइट पर राज्यपाल के खिलाफ टिप्पणी नहीं की जाए।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी डीएम के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा गवर्नर के खिलाफ स्लोगन के जवाब में राज्यपाल के समर्थन में पोस्टर लगाना शुरू कर दिया है। खबर यह है की राज्यपाल आरएन रवी पोंगल महोत्सव के बाद तमिलनाडु विधानसभा में घटित घटना के बारे में केंद्र सरकार को रिपोर्ट देंगे। बहरहाल सरकार और गवर्नर के बीच राजनीतिक युद्ध सदन से बाहर सडक तक पहुंच चुकी है।