
-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोटा। इन दिनों कोचिंग सिटी में कोटा महोत्सव का व्यापक पैमाने पर आयोजन किया जा रहा है। लोक नृत्य एवं संगीत के रंगारंग कार्यक्रम से शुरू हुए कोटा महोत्सव की चहंुओर चर्चा है।

इस आयोजन का मकसद न केवल स्थानीय लोक कला एवं संस्कृति को बढावा देना है बल्कि पर्यटन के नक्शे पर भी कोटा को स्थापित करना है। कोटा में पर्यटकों के लिए कई महत्वपूर्ण स्थल हैं।

इनमें एक कोटा का अभेडा महल भी है। हालांकि अनदेखी की वजह से यह ऐतिहासिक इमारत अपना वैभव बरकरार नहीं रख पा रही है लेकिन फोटो जर्नलिस्ट अखिलेश कुमार ने इस इमारत को अपने कैमरे में आकर्षक फोटो फ्रेम में लेकर खुबसूरती से उभारा है।

अनूठे महल में स्थित तालाब में प्रवासी व अप्रवासी पक्षियो का जमावड़ा रहता था। यहां तक कि सर्दियों के मौसम में 5 हज़ार से अधिक पक्षी आते थे। अब इनकी संख्या बहुत कम रह गई है।

इस महल की दीवारों पर की गई चित्रकारी हाडोती की समृद्ध कला संस्कृति का नमूना पेश करती है। 18वीं शताब्दी में बने इस महल के आकर्षक झरोखे भी देखने लायक हैं। रियासत काल मे यहां शिकार गाह था।

रानी महल में यहां आने वाले पक्षियो के चित्र बने हैं राजा रानी के नायिकाओं के चित्र बने हैं जो महल की खूबसूरती को बढ़ाते है।महल में मुगल शैली का गार्डन है। इसे रियासतकाल में चार बाग और चार चमन भी कहा जाता था।

इस महल के सामने दो छोटे-छोटे जलाशय हैं।
अभेडा के फोटो देखने में सुंदर लगते हैं लेकिन इस महल की इमारत खस्ता हाल है.