शीतला अष्टमी या बसोड़ा आज

हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन मां शीतला की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके साथ ही रोगों से भी मुक्ति मिलती है, क्योंकि माता शीतला को शीतलता प्रदान करने वाला कहा गया है।

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-राजेन्द्र गुप्ता-
राजेन्द्र गुप्ता
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माता शीतला की पूजा का विधान है। इसे शीतला अष्टमी और बसौड़ा अष्टमी भी कहा जाता है। बसौड़ा शीतला माता को समर्पित लोकप्रिय त्योहार है। ये पर्व होली के आठवें दिन मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन पूजा के समय माता शीतला को पर मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है। ये चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं। खासतौर पर इस दिन मां शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है। खुद भी बासी और ठंडा भोजन किया जाता है। मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति बनी रहती है। इस साल शीतला अष्टमी 15 मार्च को है।
शीतला अष्टमी की तिथि
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पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 14 मार्च 2023 को रात 08 बजकर 22 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन 15 मार्च 2023 को शाम 06 बजकर 45 मिनट पर होगा। इस तरह 15 मार्च को शीतला अष्टमी होगी।
शीतला अष्टमी 2023 मुहूर्त
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15 मार्च को शीतला माता की पूजा का मुहूर्त 15 मार्च की सुबह 06 बजकर 30 मिनट से शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है।
पूजा विधि
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शीतला अष्टमी के दिन सुबह स्नान के साफ वस्त्र धारण करें।
पूजा के दौरान हाथ में फूल, अक्षत, जल और दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लें।
माता को रोली, फूल, वस्त्र, धूप, दीप, दक्षिणा और बासा भोग अर्पित करें।
शीतला माता को दही, रबड़ी, चावल आदि चीजों का भी भोग लगाया जाता है।
पूजा के समय शीतला स्त्रोत का पाठ करें और पूजा के बाद आरती जरूर करें।
पूजा करने के बाद माता का भोग खाकर व्रत खोलें।
शीतला अष्टमी का महत्व
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हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन मां शीतला की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके साथ ही रोगों से भी मुक्ति मिलती है, क्योंकि माता शीतला को शीतलता प्रदान करने वाला कहा गया है।
एक दिन पहले मनाई जाती है शीतला सप्तमी
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शीतला अष्टमी से एक दिन पहले शीतला सप्तमी मनाई जाती है। इस बार शीतला सप्तमी 13 मार्च 2023 की रात 9 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन 14 मार्च 2023 की रात 8 बजकर 22 मिनट पर है। उदया तिथि के अनुसार शीतला सप्तमी 14 मार्च को है। इस दिन शीतला माता की पूजा सुबह 06 बजकर 31 मिनट से शाम 06 बजकर 29 मिनट तक किया जा सकेगा।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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