
-ऊंट कटेरी
-कांटों में आयुष!
-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
वानस्पतिक नाम : Echinops echinatus Roxb.
अंग्रेज़ी नाम Globe thistle (ग्लोब थिसिल).
समस्त भारत में 1600 मी की ऊsंचाई पर गंगा के मैदानी क्षेत्रों, चरागाहों व खुले वनों, उत्तर-पश्चिमी हिमालय, पंजाब, उत्तर-प्रदेश, बिहार तथा प्रायद्वीपों में प्राप्त होता है। कई विद्वान ब्रह्मदण्डी को ऊँटकटेरा मानते हैं तथा कई विद्वान् सत्यानाशी के स्थान पर ऊँटकटेरा का ग्रहण करते हैं; किन्तु वास्तव में यह दोनों पौधे ऊँटकटेरा से भिन्न है।

ब्रह्मदण्डी व सत्यानाशी के समान ऊँटकटेरा के समस्त अंगों पर कांटे होते हैं जो तीक्ष्ण तथा ऊपर की ओर उठे हुए होते हैं। इस वनस्पति को ऊँट बड़े चाव से खाते हैं।
आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव
उँटकटेरा कटु, तिक्त, उष्ण, लघु, कफवातशामक, वृष्य, मूत्रल, बलकारक, कफनिसारक तथा रुचिकर होता है।
यह प्रमेह, तृष्णा, हृदयशूल, मूत्रकृच्छ्र, दाह, विस्फोट तथा शोथनाशक होता है।
इसकी मूल गर्भस्रावकारी तथा वाजीकारक होती है।
इसके बीज वाजीकर होते हैं।
