-मनु वाशिष्ठ-

सत्तू मन मत्तू, चट घोरौ पट खाय।
ये कहावत किस किस ने सुनी है।
भारतीय फास्ट फूड, बेहद फायदेमंद।
जंक फूड, फास्ट फूड ने हानिकारक होते हुए भी, शहरी ग्रामीण सभी क्षेत्रों में अधिकार जमा रखा है। कहने को तो ये फूड #फास्ट होते हैं, लेकिन बनने तैयारी में बहुत समय लेते हैं। हम देसी और सबसे अच्छा पौष्टिक/ स्वास्थ्यवर्धक/सुपाच्य फास्ट फूड को भूल रहे हैं, और यह है दो मिनट में बनने वाला फास्ट फूड है, #सत्तू! सामान्यतः फास्ट फूड पचने में भी समय लेते हैं और तैयारी में भी, पूरी रसोई में मानो भूचाल ही आ जाता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहारियों की खास पहचान है #सत्तू। हालांकि कुछ लोग इसे थोड़ा हेय दृष्टि से देखते हैं लेकिन “सादा भोजन उच्च विचार” के साथ इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। पेट के मरीजों के लिए भी सत्तू बहुत ही लाभदायक है। कुछ दिन आप भी इसे खाकर देखिए, गर्मी शांत करता है। इसे कई तरह से खा सकते हैं। सत्तू के महत्व को देखते हुए हमारे पूर्वजों ने इसे धार्मिक आस्था से जोड़ दिया। वैशाख के महीने में सत्तू का खाना, दान करना अच्छा माना जाता है। एक बात और सत्तू को बारिश (सावन भादों) में तथा रात्रि में नहीं खाना चाहिए।
#सत्तू को प्रमुखतः जौ, चना, गेहूं आदि को भूनने के बाद पीस कर बनाया जाता है। अब इसमें भी कई प्रयोग (ज्वार, बाजरा, मक्का, सात अनाज) शुरू कर दिए हैं। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, मिनरल्स, विटामिन, फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। भुना होने के कारण यह स्वादिष्ट और सुपाच्य होता है तथा लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है।
दो मिनट मैगी वाली मम्मियों को शायद यह नहीं पता कि सत्तू से जल्दी कुछ नहीं बन सकता। मीठा घोल कर पियो या नमक डालकर, बस फायदे गिनते रहिए। सत्तू का शरबत बनाकर पी सकते हैं, इससे लिट्टी चोखा, दाल बाटी बनाते हैं, सत्तू के लड्डू और बर्फी बना सकते हैं, सत्तू में गुड़, मिश्री या बूरा मेवा मिलाकर देसी घी मिलाकर पंजीरी बनाकर खा सकते हैं। इसको रोटी, परांठे में मसालों के साथ भरकर भी प्रयोग कर सकते हैं।
__ मनु वाशिष्ठ, कोटा जंक्शन राजस्थान