राहुल गांधी के मणिपुर दौरे के मायने !

-देवेन्द्र यादव-

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देवेंद्र यादव

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर पहुंचकर ना केवल मोहब्बत की दुकान खोली बल्कि बड़ा दिल भी दिखाया।
राहुल गांधी, के 29 जून को दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर की धरती पर पहुंचते ही राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था, जहां उन्हें राहत कैंपों में सड़क मार्ग से जाने से रोका गया तो वहीं भाजपा के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी जिद्दी हैं और वह जिद कर मणिपुर के दौरे पर निकल गए जहां मणिपुर की जनता ने राहुल गांधी गो बैक के नारे लगाए और जनता ने सवाल किए की आपने 75 साल में मणिपुर में क्या किया ? राजनीतिक गलियारों और मीडिया में दबी जुबान चर्चा होने लगी कि राहुल गांधी मणिपुर में राजनीति कर रहे हैं, इसका जवाब पहले मणिपुर की जनता ने दिया जब राहुल गांधी जिंदाबाद के नारों से सारा मणिपुर गूंज उठा। उसके बाद मणिपुर का दौरा खत्म करने के बाद 30 जून को राहुल गांधी ने प्रेस से मुखातिब होकर पत्रकारों के उस सवाल पर कि मणिपुर मामले में प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं का जवाब दिया कि मैं मणिपुर में राजनीति करने नहीं आया हूं मैं इसका जवाब नहीं दूंगा मैं यहां पीड़ित लोगों से बात करने आया हूं। राहुल गांधी 30 जून को दौरे के अंतिम दिन मणिपुर के राज्यपाल से भी मिले और उन्होंने मणिपुर में जिन हालातों को देखा उनसे राज्यपाल को अवगत कराया। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी दिल्ली पहुंचकर मणिपुर के हालातों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्यपाल की तरह भेंट कर अवगत कराएंगे ? क्योंकि विपक्षी दल लंबे समय से मणिपुर मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े कर रहा है।

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राहुल गांधी का मणिपुर दौरा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दौरा था। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में मौजूदा वक्त में कांग्रेस की सरकार नहीं है। वहां भारतीय जनता पार्टी सरकार में है। लेकिन राहुल गांधी के दौरे ने बता दिया है कि नार्थ ईस्ट में कांग्रेस मौजूद है और नार्थ ईस्ट की जनता का दिल अभी भी गांधी परिवार के लिए धड़कता है। यह मणिपुर में उस समय देखने को मिला जब मणिपुर की धरती पर राहुल गांधी के पैर रखने के बाद सारा मणिपुर राहुल गांधी जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा।
ऐसा लग रहा था जैसे राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर मणिपुर में मोहब्बत की दुकान खोलने निकले हैं और यह दिखाई भी दिया जब राहुल गांधी मणिपुर के पीड़ित परिवारों के राहत कैंपों में पीड़ित जनता से आत्मीयता और पारिवारिक रूप से मिल रहे थे और उन्हें भरोसा दिला रहे थे की तुम अकेले नहीं हो हम सब तुम्हारे साथ हैं।
राहुल गांधी के दौरे के दरमियान राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर भी चर्चा थी कि राहुल गांधी अकेले मणिपुर क्यों गए। विपक्ष का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर क्यों नहीं गया? अकेले राहुल गांधी ने मणिपुर में पीड़ित परिवारों के मुरझाए हुए चेहरों को सांत्वना और विश्वास दिला कर खिला दिया।
राहुल गांधी के मणिपुर दौरे ने यह भी बता दिया की डरो मत आगे बढ़ो और जीतो।
राहुल गांधी के मणिपुर दौरे से यह भी सिद्ध हो गया है कि राहुल गांधी का दिल देश और देश में रहने वाली आम जनता के लिए धड़कता है।
देवेंद्र यादव, कोटा राजस्थान
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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