मित्र मन मित्रता

group kids friends arm around sitting together
photo courtesy freepik.com

– विवेक कुमार मिश्र-

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डॉ. विवेक कुमार मिश्र

मित्र मन से जुड़ते हैं
मित्र आत्मविश्वास के पूरक होते हैं मित्र आस होते हैं
जब कुछ नहीं होगा
तब भी मित्र साथ होते हैं
मित्र हर समय साथ होते हैं
मित्र किसी सांचे में नहीं ढ़लते
हां मित्र होने का पता भी
बस मित्रता के अहसास में चलता है मित्र एक भरी पूरी दुनिया का नाम है कितना कुछ हो
संसाधनों के ढेर पर बैठे हों
पर साथ में मित्र ना हो
तो सब कुछ फीका फीका लगता है पर कुछ ना होते हुए भी
दुनिया भर का अहसास
मित्रों के ठहाके में मिल जाते हैं
मित्र बस मित्र होते हैं
जिसे आपने इस दुनिया में कमाया है यह आपकी सबसे बड़ी कमाई है
यह है तो सब है ।
– विवेक कुमार मिश्र

कवि – आलोचक
लेखक हिंदी के प्रोफेसर हैं

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