
-भवँर सिंह कछवाहा-

भारतभूमि की आन है तिरंगा
हर दिल का अरमान है तिरंगा
जो देखे भारत को बुरी नजर से
उसका काल है तिरंगा
ऋषि मुनियों की पावन वसुधा का
स्वाभिमान है तिरंगा
भारत के वीरों की शौर्यगाथा
का गुणगान है तिरंगा
सीमा के सजग प्रहरी का
आत्मविश्वास है तिरंगा
हर शहीद की भावनाओं का
सम्मान है तिरंगा
मेरी रगों में दौड़ते लहू
का उबाल है तिरंगा
हिमालय के शिखर का
सरताज है तिरंगा
हर घर की शान है तिरंगा
स्वतंत्रता के बलिदानियों का
गौरवगान है तिरंगा
गर्व हमें है इस तिरंगे पर
हम सबका अभिमान है तिरंगा।।
भवँर सिंह कछवाहा
भवानी मंडी(राज.)
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