
-राजकीय कला महाविद्यालय कोटा
कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय कोटा के संस्कृत विभाग में महाकवि कालिदास की जयंती के उपलक्ष्य में संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता आयोजित की गई । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सहायक निदेशक, कालेज शिक्षा, परिक्षेत्र कोटा प्रो. गीताराम शर्मा उपस्थित रहे। सारस्वत अतिथियों में प्रो. विजय पंचोली भौतिक शास्त्र , डॉ. उमा त्रिपाठी, से. नि. आचार्य रहे । प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में भूतपूर्व प्राचार्य डॉ. हेमलता लोया, डॉ. सुदेश आहूजा तथा डॉ. साधना कंसल सम्मिलित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. रोशन भारती द्वारा की गई। अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ किया गया। छात्र शुभम ने वैदिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया। शोधार्थी ओमप्रकाश जाटव ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। प्रो. रोशन भारती ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भाषा और साहित्य में उच्चारण का बड़ा महत्व है। साहित्य के विद्यार्थियों को अपने उच्चारण को शुद्ध करना चाहिए । इसके लिए इस प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहनी चाहिए। मुख्य अतिथि प्रो. गीताराम शर्मा ने महाकवि कालिदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए साहित्य में कालिदास के अद्वितीय महत्व का उल्लेख किया और श्लोक पाठ के लिए छात्रों का साधुवाद किया । प्रतियोगिता में प्रथम स्थान शुभम गौतम ने, द्वितीय स्थान रौनक ने और तृतीय स्थान प्रतीक्षा गौतम ने प्राप्त किया तथा सांत्वना पुरस्कार ऐश्वर्या शर्मा ने प्राप्त किया। इसके अलावा सरिता मीना, मयंक सोनी, राघव गुर्जर, अर्चना कुमारी, पूजा राठोर, ऐश्वर्या शर्मा, जिया सुमन, पीयूष सैनी, अंकित भार्गव आदि विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने कालिदास द्वारा विरचित तीनों नाटकों, दोनों महाकाव्यों और दोनों खण्डकाव्यों के श्लोक का सस्वर पाठ किया। प्रतियोगिता के परिणाम घोषित करते हुए डॉ हेमलता लोया ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को छंदों के अनुसार श्लोकों के सस्वर पाठ का नियमित अभ्यास अपने गुरूजनों के सानिध्य में करना चाहिए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सभी विषयों के आचार्यगण, संस्कृत विद्यार्थी और शोधार्थी उपस्थित रहे। साथ ही प्रो. राजेश कुमार बैरवा के शोधार्थी ओमप्रकाश जाटव ने अपने शोध का पूर्व मौखिक प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. समय सिंह मीना ने किया तथा विभाग प्रभारी प्रो. मंजू जैन ने आगन्तुक अतिथिगण का धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर संस्कृत विभाग के सभी संकाय सदस्यों की सक्रिय सहभागिता रही।