
कोटा। सर्वोदय मंडल कोटा द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर ‘वर्तमान समय में गांधीवादी विचार की प्रासंगिकता’ विषय पर परिचर्चा कुसुम बाल हितकारी संस्था कार्यालय में आयोजित हुई। मुख्य वक्ता प्रसिद्ध गांधीवादी कार्यकर्त्ता हिमांशु कुमार थे। सर्वोदय मंडल कोटा के संभागीय संयोजक फतेहचंद बागला तथा महिला सर्वोदय मंडल अध्यक्ष कुसुम लता ने हिमांशु कुमार का स्वागत किया। परिचय देते हुए लोकतंत्र बचाओ आन्दोलन के प्रो. संजय चावला ने बताया कि हिमांशु कुमार स्वतंत्रता सेनानी प्रकाश भाई शर्मा के पुत्र हैं जिन्होंने महात्मा गाँधी और विनोबा भावे के साथ मिलकर काम किया। कुमार ने दंतेवाडा जिले के आदिवासियों के खिलाफ पुलिस दमन के विरुद्ध लम्बी लडाई लड़ी। उन्होंने हाल ही में दिल्ली से मुम्बई तक साइकिल यात्रा की और यात्रा के दौरान गाँव देहात में लोगों और आदिवासियों की परेशानियाँ सुनी और उन्हें अपने अधिकार के प्रति जागरूक किया। उनकी अगली साइकिल यात्रा 30 जनवरी से राजघाट दिल्ली से बुद्ध की समाधि स्थल कुशीनगर तक होगी। अपने उद्बोधन में कुमार ने कहा कि देश में पूंजीवादी व्यवस्था न केवल मजदूरों का शोषण कर रही है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों और सार्वजनिक संपत्तियों को भी लूट रही है। वर्तमान में केंद्र की सरकार ने तो देश की आम जनता के खिलाफ पूंजीपतियों के हित में मानो युद्ध की ही घोषणा कर दी है। किसान विरोधी तीन कृषि कानून, मजदूर विरोधी 4 श्रम कोड, छात्र विरोधी नई शिक्षा नीति, सार्वजनिक क्षेत्रों की कम्पनियों का निजीकरण, अल्पसंख्यक विरोधी कानून, यूएपीए में संशोधन, समस्त प्रकृतिक संसाधनों की लूट के लिए लाखों जनता का विस्थापन, जनता की आवाज उठाने वालों के उपर फर्जी मुकदमा व गिरफ्तारी, दलित-अल्पसंख्यकों आदिवासियों पर हथियारबंद गिरोहों के द्वारा जुल्म-अत्याचार आदि जनता के खिलाफ युद्ध की घोषणा ही तो है, इसीलिए सरकार के इन जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को अब मोर्चा खोलना होगा। उन्होंने बताया कि गाँधी और भगत सिंह दोनों ही इस अंग्रेजी विकास के मॉडल के विरोधी थे। इससे केवल ताक़तवर का ही विकास होता है। गाँधी ने उस दौर में ही कह दिया था कि पूंजीपतियों का अगला निशाना गाँव और कृषि पर होगा। जनता सरकार के इन मंसूबों को समझ न सके इसलिए उसे धर्म, जाति और लिंग के आधार पर बांटने का काम किया जा रहा है।
गाँधी के खिलाफ नफरत झूठ के आधार पर फैलाई जा रही है
उन्होंने बताया कि गाँधी को बदनाम करने के लिए सरासर झूठ का सहारा लिया जा रहा है। हम गाँधी के बारे में प्रमाणिक पुस्तकों का अध्ययन करके ही समझ सकते हैं। देश विभाजन के लिए गाँधी को जिम्मेदार बताया जाता है जबकि गाँधी तो देश को एक सूत्र में ही पिरोना चाहते थे। साम्प्रदायिकता के शोर गुल में उनके विवेक और शांति की आवाज़ हमेश के लिए खो गयी।
परिचर्चा का संचालन प्रो. संजय चावला ने किया। परिचर्चा में रजिया बानो, रुपेश चड्डा, अब्दुल हमीद गौड़, विजय पालीवाल, नारायण शर्मा, शबीर अहमद, रेखा,रामकैलाश मेघवाल सहित सर्वोदय किसान मंडल, सर्वोदय महिला मंडल, सर्वोदय श्रमिक मंडल, सर्वोदय युवा मंडल के लोक सेवक एवं सर्वोदय कार्यकर्ता सहित कोटा शहर के प्रबुद्ध सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।