
-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोटा। एक अद्भुत पावणा हमारे घर आया है। दुर्लभ प्रजाती का कीट ओलिएंडर श्येन शलभ (Oleander howk-moth) हमारे टेरेस गार्डन में नजर आया है। यह कीट पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि मधुमक्खियों या पक्षियों की तुलना में यह पराग को ले जाने में सक्षम होते हैं।।

इससे पौधों की प्रजाती को उनके मूल निवास के अलावा अन्य जगह तक पैदा होने में मदद मिलती है। इसका फायदा यह होता है कि यदि वनस्पति की कोई प्रजाती अपने मूल निवास में खतरे की स्थिति में होती तो अन्यत्र उसका विकास हो सकता है। इसीलिए ओलिएंडर श्येन शलभ को पराग कण के रक्षक के तौर पर देखा जाता है। यह कीट शाम के समय उडान भरता है और पौधों के तनों में निवास करता है।

इसी प्रजाती के कीट को कृषि कीट के रूप में माना जाता है। ये कई प्रकार के फूलों के पौधों के लिए महत्वपूर्ण परागणक होते हैं। पतंगे के चमकीले रंग के बावजूद न तो कैटरपिलर और न ही कीट काटता है या जहरीला होता है।