-संजय चावला-

कोटा। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर के तत्वावधान में आयोजित युवा नाट्य समारोह के अंतिम दिन रविवार को कोटा के कलाकारों ने प्रेमचंद की सुप्रसिद्ध कहानी ‘बड़े भाई साहब’ का नाट्य रूपांतरण मंचित किया। पिछले पांच दिन में युआईटी ऑडीटोरियम में एक से बढकर एक नाटक देखने को मिले। पहले दिन स्थानीय कलाकारों ने भगवदज्जुकम नाटक से इस समारोह की शुरुआत की थी और समापन भी स्थानीय कलाकारों ने ही ‘बड़े भाई साहब’ नाटक से किया। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की ओर से पहली बार पांच दिवसीय नाटक महाकुंभ का आयोजन किया। इस समारोह को रंगकर्मियों ने एंटरटेनमेंट वीकेंड नाम दिया था। वास्तव में यह आयोजन अपने नाम पर खरा उतरा।
सक्रिय रंगकर्मी, रेडियो जॉकी, टीवी फिल्म कलाकार अभिषेक तिवाड़ी के निर्देशन में यह नाटक ‘बड़े भाई साहब’ मंचित किया गया। नाटक में ‘बड़े भाई साहब’ की भूमिका खुद अभिषेक तिवाडी ने निभाई। मौसम खराब होने से लाइट और साउंड व्यवस्था में व्यवधान के बावजूद सभी कलाकारों ने अपना अच्छा देने का प्रयास किया लेकिन छोटे भाई की भूमिका निभाने वाले कलाकार ने अपनी भाव भंगिमाओं और डॉयलाग डिलीवरी से सभी का ध्यान आकर्षित किया।
प्रेमचंद की इस कहानी को अधिकांश लोगों ने पढा और टीवी तथा अन्य माध्यमों पर भी इसका मंचन देखा है। निर्देशक अभिषेक तिवाडी ने इस नाटक में आधुनिक संदर्भों को भी शामिल किया है। लेकिन कलाकारों का आज का प्रदर्शन पिछले चार दिनों की स्तरीय प्रस्तुतियों के समकक्ष नहीं आ सका। हालांकि निर्देशक की ओर से बताया गया कि नाटक के मूल कलाकार डेंगू से पीडित होने के कारण समस्या हुई। इसके अलावा मौसम की वजह से लाइट और ध्वनि में भी दिक्कत हुई। लेकिन फिर भी दर्शकों का मनोरंजन करने में नाटक सफल रहा।
समारोह के समापन पर नाट्यकर्मियों की ओर से अंत में यही सवाल उठा कि कोटा में नाटक की जो नए सिरे से शुरुआत हुई है क्या उसे आगे भी बनाए रखा जा सकेगा क्योंकि असली समस्या संसाधनों की है। कलाकार प्रस्तुति के लिए तो मेहनत कर सकता है लेकिन संसाधन जुटाने के लिए हाथ फैलाना उसके वश में नहीं है। हालांकि मॉं भारती शिक्षक संस्थान ग्रुप के दिनेश विजय ने आश्वस्त किया कि इस तरह के आयोजनों में उनका पूरा सहयोग रहेगा। इस आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अभिषेक तिवाडी ने अगले माह दो अच्छे नाटक किए जाने का भी वायदा किया है।