
-देवेंद्र यादव-

भारतीय जनता पार्टी के नेता राहुल गांधी के अमेरिका में दिए भाषण और संवाद को लेकर एग्रेसिव थे, और राहुल गांधी पर अमेरिका में भारत को बदनाम करने का आरोप लगा रहे थे। ये नेता आरक्षण के मुद्दे पर राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस को घेर रहे थे, वहीं कांग्रेस के बड़े नेता खामोश रहकर यह नजारा देख रहे थे।
मैंने अपने अपने ब्लॉग में लिखा था कि जब भी राहुल गांधी भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर राजनीतिक हमले करते हैं तब कांग्रेस के बड़े नेता खामोश क्यों रहते हैं। बड़े नेता राहुल गांधी का साथ क्यों नहीं देते हैं। मैंने लिखा था कि राहुल गांधी को अमेरिका से लौट ने के बाद इस पर मंथन करना होगा।
खबर का असर यह हुआ कि कुछ समय बाद ही आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस के नेता उदय राज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिखाई दिए तो वही सिखों के मुद्दे पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के राजनीतिक सलाहकार गुरदीप सिंह सप्पल एक निजी चैनल पर राहुल गांधी के बयान की सच्चाई बताते हुए दिखे। गुरमीत सिंह सप्पल ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेता राहुल गांधी के बयान को तोड़ मरोड़ कर जनता के बीच पेश कर रहे हैं।
जैसे-जैसे दिन ढला और अंधियारा छाया कांग्रेस के बड़े नेता राष्ट्रीय महामंत्री सचिन पायलट राहुल गांधी के साथ खड़े नजर आए, और उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला इसलिए वह राहुल गांधी पर राजनीतिक हमले कर रही है।
वैसे तो सचिन पायलट, बुरे दौर में भी राहुल गांधी के साथ नजर आते रहे हैं। जब कांग्रेस के युवा नेता कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे थे तब सचिन पायलट राहुल गांधी के साथ खड़े थे इसलिए राहुल गांधी पर भाजपा के द्वारा किया जा रहा राजनीतिक हमले पर सचिन पायलट का बयान महत्व रखता है, और इस समय सचिन पायलट जैसे नेता के बयान की दरकार थी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)