भाजपा के चक्रव्यूह तोड़ेंगे राहुल गांधी !

gandhi rahul
फाइल फोटो। संसद टीवी से साभार

-सुसंस्कृति परिहार-

लोकसभा में प्रति पक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा के दौरान सरकार को जमकर घेरा. राहुल गांधी ने महाभारत के अभिमन्यू का जिक्र किया और चक्रव्यूह की भी चर्चा की।संसद के विशेष सत्र में शिवजी को याद कर ‘डरो मत’ की बात करने वाले राहुल गांधी ने इस बार शिवजी की बारात का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन इस चक्रव्यूह को भेदने का काम करेगा। विपक्ष के नेता ने किसान से युवा, छात्र ,पर्चा लीक, जातिगत जनगणना,अग्निवीर तक, अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को खूब घेरा।
राहुल गांधी ने कहा कि हजारों साल पहले कुरूक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को ‘चक्रव्यूह’ में फंसाया और उन्हें मार डाला। मैंने थोड़ा शोध किया और पता चला कि ‘चक्रव्यूह’ को ‘पद्मव्यूह’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘कमल निर्माण’। ‘चक्रव्यूह’ कमल के आकार का है। 21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है, वो भी कमल के फूल के रूप में। इसका चिन्ह प्रधानमंत्री अपने सीने पर पहनते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। इस चक्रव्यूह को छह लोग नियंत्रित करते हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी। स्पीकर ओम बिरला की सदन के बाहर के लोगों के नाम लेने पर टोका टाकी की गई उन्होंने कहा मैं ,अजीत डोभाल अंबानी और अडानी का नाम छोड़ दूंगा और सिर्फ 3 नाम लूंगा। उनके नाम की जगह ए 1,2,3चलेगा क्या? क्योंकि इनके बिना बात पूरी नहीं हो सकती।
राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले मैंने छह-सात बढ़इयों के साथ काम किया। एक विश्वकर्मा जी से पूछा कि आप यहां सालों से बढ़ई का काम कर रहे हो, तो आपको किस बात से तकलीफ होती है। उन्होंने कहा कि राहुल जी मुझे दुख इस बात का होता है कि मैं ये टेबल बना रहा हूं, मगर जिस शो-रूम में ये टेबल अंदर रखी जाती है, उसमें अंदर जा ही नहीं सकता। सुल्तानपुर जाते समय मोची ने कहा कि मेरा सम्मान सिर्फ मेरे पिता ने किया था और किसी ने नहीं किया। आपने जो ये चक्रव्यूह बना रखा है, उसे हम तोड़ने जा रहे हैं और वह है जाति जनगणना जिससे आप लोग डरते हो, कांपते हो। हम इस हाउस में जाति जनगणना पास करेंगे। इसके लिए इंडिया गठबंधन दम लगाकर काम करेगा।

आज़ फिर प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री अनुपस्थित रहे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तो तब अचम्भित हो सिर पकड़ ली जब राहुल गांधी ने हलवा खाते फोटो दिखाईं जिसमें पिछड़े और दलित वर्ग से कोई नज़र नहीं आया। लोकसभा अध्यक्ष ने कई बार आदतानुसार टोका टाकी की। अडानी अंबानी के नाम पर सबसे ज्यादा खीझ सत्ता पक्ष में देखी गई तथा उन्हें सदन के बाहर के लोगों के नाम लेने पर बिरला ने भी आपत्ति की। संसदीय कार्यमंत्री रिजूजी भी ने इस बाबत हस्तक्षेप किया राहुल ने तब कह दिया कि ऊपर से यह निर्देश आया है क्या?
कुल मिलाकर राहुल गांधी का भाषण आज बहुत संतुलित और बजट में उपेक्षित आम लोगों की प्रधान समस्याओं पर केंद्रित रहा। उन्होंने जिस तरह से महाभारत के अभिमन्यु के चक्रव्यूह को आज के संदर्भों से जोड़कर पेश किया वह भाजपा पर भारी पड़ गया। आशंका इस बात की है कि कमल कल कोई वितंडावाद खड़ा ना कर दे।भाजपा अक्सर मुद्दा छोड़कर दूसरा खेल खेलने में पारंगत हैं। बहरहाल एक दमदार प्रतिपक्ष नेता की भूमिका राहुल गांधी ख़ूबी से निभा रहे हैं इससे जनता में उनकी छवि और सुदृढ़ और मज़बूत होती जा रही है।

(देवेन्द्र सुरजन की वॉल से साभार)

 

कामयाब होगा राहुल का एमएसपी और जातिगत जनगणना का दाव!

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