– विवेक कुमार मिश्र-

सफलताएं
संजीवनी की तरह होती हैं
दूर से ही अपने बारे में कहने लगती
खुद तो कहती हीं औरों को भी
कहने के लिए छोड़ देती
न जाने कितने जाने अनजाने लोग
सफलता की कहानी लिए – लिए घूमते हैं
हर समय सफलता के साथ मगन रहते हैं
ऐसे कि कोई और काम हो ही नहीं
यह सफलता कुछ ऐसे ही होती कि …
अंधेरे कुएं से आती आवाज की तरह
बहुत दूर तक सुनाई देती हैं
डूबे हुए आदमी को बाहर निकलने का
हुनर यूं ही थमा जाती हैं
एक सफलता राह की सर्च लाइट बन
रास्ता दिखाती रहती है
बढ़े हुए हर कदम के साथ आदमी को
साहस उत्साह उर्जा और जीवन शक्ति
का मंत्र सफलताएं रचती रहती हैं ।
– विवेक कुमार मिश्र
(सह आचार्य हिंदी राजकीय कला महाविद्यालय कोटा)
F-9, समृद्धि नगर स्पेशल , बारां रोड , कोटा -324002(राज.)