एक अजूबा शहर…. वेनिस

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वेनिस का सेंट मार्क स्क्वायर। फोटो अजातशत्रु

मेरा सपना…22

-शैलेश पाण्डेय-

ऑस्ट्रिया के इंस्ब्रुक के टायरोल की सुबह बहुत हसीन थी। उगते सूरज की किरणें पहाड़ की हरी भरी चोटियों में सुनहरी चमक फैला रही थीं। होटल परंपरागत था और उसके कमरे की बालकनी से यह दृश्य बहुत ही मनमोहक लग रहा था। क्योंकि इटली के सबसे सुंदर शहरों में शुमार वेनिस तक का लगभग चार सौ किलोमीटर का सफर करना था इसलिए होटल में ही नाश्ता कर रवाना हो गए। जैसे-जैसे इटली के करीब पहुंचते गए सुहाने मौसम की जगह गर्मी ने ली और सड़कों पर वाहनों का दबाव भी बढ़ता गया। किसी हाईवे पर अब तक वाहनों की इतनी भीड़ नहीं देखी थी। जो मर्सिडिज बेंज बस 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौडती थी कैप्टन राबर्ट उसे 80 की स्पीड पर चला पा रहे थे। एक तो लम्बा सफर और उस पर बस की धीमी गति झुंझलाहट पैदा करने लगी थी। इस पर बस का एसी भी खराब हो गया।

टूर मैनेजर राहुल जाधव ने पहले ही इटली के बारे में चेता दिया था कि यहां अपने कीमती सामान और पर्स का विशेष ध्यान रखना है। यहां चोर उचक्के आपका सामान पार कर सकते हैं। जब हम वेनिस जाने के लिए क्रूज पर सवार होने के लिए लम्बा पैदल रास्ता तय कर पहुंचे तो पसीना-पसीना हो चुके थे। लेकिन क्रूज से समुद्र का सफर शुरू हुआ तो सभी गिले शिकवे दूर हो गए। समुद्र की लहरों के बीच क्रूज से इतालवी शिल्प कला की एक से एक शानदार इमारतों को देखने का अनुभव मिला। समुद्र में क्रूज, मोटर बोट, छोटे माल वाहक जहाज, नौकाओं की भरमार थी। लेकिन इनके बीच तालमेल और कम्युनिकेशन इतना अच्छा कि कोई आमने-सामने नहीं होता। मैंने क्रूज चालक से कुछ पूछना चाहा तो उसने दो टूक डिस्टर्ब नहीं करने की हिदायत दे दी। लेकिन वहां की स्थिति देखने के बाद मुझे भी अपनी गलती का अहसास हो गया। चालक ने वेनिस के तट पर क्रूज को इतनी सफाई से पार्क किया कि आश्चर्य हुआ कि हम सड़क पर इतनी कुशलता से कार तक पार्क नहीं कर पाते।

वेनिस इटली का एक छोटा लेकिन दुनियाभर में पर्यटकों के लिए सबसे ज्यादा पहचाने जाने वाला शहर है। आप आइलैंड पर इस शहर की की बसावट देखकर आश्चर्य में पड़ जाएंगे। यदि आपने इस शहर के बारे में पहले से पढ़ रखा है तो किताब के शब्द एक एक कर आपकी आंखों के सामने घूमते जाएंगे। यदि नहीं पढ़ा है तो और भी अच्छा क्योंकि फिर आश्चर्य की भरमार देखने को मिलेगी। हमारे यहां बारिश में सड़कें और गलियों में नहरों के जैसा माहौल होता है लेकिन यहां तो हर गली नहर में है। वेनिस पर्यावरण, वास्तुकला और ऐतिहासिक दृष्टि से अद्वितीय है। यह इटली का प्रमुख बंदरगाह होने के साथ दुनिया के सबसे पुराने पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है।

क्रूज से उतर कर कुछ दूर चलने पर ही इस ऐतिहासिक शहर की झलक मिलनी शुरू हो जाती है। पर्यटकों की भीड़ इतनी की आप एक दूसरे से टकराए बगैर निकल नहीं सकते। वेनिस में हमारे लिए दो प्रमुख आकर्षण सेंट मार्क स्क्वायर और गोंडोला (एक पतली लम्बी नाव) राइड थे। इसके बाद यहां की जिलेटो आइसक्रीम और बुसोलाई कुकीज पर हमारी निगाह थी।

सेंट मार्क स्क्वायर यहां का प्रमुख केन्द्र है। इस विशाल चौक के चारों ओर ही प्रमुख इमारते हैं। एक चर्च पर दो प्रतिमाएं एक एक कर घंटा बजाती बहुत ही आकर्षक थीं। इसके पास ही डोजेस पैलेस है जिसमें प्राचीन काल में अदालत लगती थी और सजायाफ्ता मुजरिमों की ऐसी जेल साथ ही लगी थी जिससे वे फिर बाहर नहीं निकल सकते थे। यही एक समय वेनिस गणराज्य की राजनीतिक शक्ति का केन्द्र था और अब विशालकाय म्यूजियम है। इस म्यूजियम के लिए आपको बहुत समय चाहिए जो हमारे पास नहीं था। इस चौक में घूमने और ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को निहारने के बाद गोंडोला राइड के लिए पहुंचे। यहां बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से एक गोंडोला पर चार से छह जनों तक को केनाल के जरिए पूरे वेनिस की सैर कराई जाती है।

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गेण्डोला की सवारी। फोटो राहुल जाधव

जब हम गोंडोला पर सवार हो रहे थे तब अपनी मां नीलम जी की सुरक्षा को लेकर अधिक ही संवेदनशील अजातशत्रु खुद पर ध्यान नहीं रख सके तो गलत पैर अंदर रख दिया इससे हल्का संतुलन बिगड़ने से गेण्डोला चालक युवक ने उनकी ओर आंखें तरेर दी। यह अजात को पसंद नहीं आया। लेकिन उनको शांत कराया क्योंकि हम देख चुके थे कि अन्य यूरोपीय देशों के मुकाबले इतालवियों का व्यवहार अच्छा नहीं था। यह हमने हर जगह महसूस किया।

गेण्डोला से हमने एक एक गली छानी और आश्चर्य यह हुआ कि इमारतें पानी में रहकर भी सैकड़ों सालों से सुरक्षित कैसे हैं। इमारतों के द्वार भी केनाल की ओर ही खुल रहे थे। कई गलियां तो बहुत संकरी थीं तब सामने से आती गेण्डोला को देख भयभीत हो जाते कि अब आमने-सामने की टक्कर होगी लेकिन चालक बहुत कुशलता से एक दूजे को क्रास कर जाते। एक ही कमी खली कि किस जगह से गुजर रहे हैं या कौन सी ऐतिहासिक महत्व की इमारत है ऐसी जानकारी मुहैया नहीं कराई जाती। यह सुविधा पेरिस, एमस्टरडम और वाडूज जैसे सभी पर्यटन स्थलों पर मिली थी और इसका बहुत मजा भी आया था।

गेण्डोला राइड के बाद वापस मुख्य स्थल सेंट मार्क स्क्वेयर लौटे और वहां रेस्त्राओं के सामने संगीतकारों का लाइव संगीत सुना। यह अलग ही अनुभव था। इसमें बहुत मजा आ रहा था लेकिन आप यदि यह संगीत सुनते हैं तो आपको उस रेस्त्रां से खान पान की वस्तु खरीदना जरूरी है। हमने इसकेे बजाय जिलोटो आइसक्रीम और बुसोलाई कुकीज का मजा लेना ज्यादा पसंद किया। यहां कई शॉप भी थीं जिन पर इटली के विश्वविख्यात ब्रांड के लैदर के बैग, बेल्ट, पर्स, जैकेट और जूते इत्यादि उपलब्ध थे। महिलाओं के सामान्य पर्स ढाई लाख रूपए से शुरू थे।

शाम होने को थी और अब वापस लौटने का समय हो चला था। मन मारकर सभी तय स्थल पर एकत्र हुए और वापस क्रूज से लौटे। यहां हमारे सभी साथियों ने बांग्लादेशी फुटपाथी व्यापारियों से सोविनियर, बैग, ब्रीफकेस इत्यादी खरीदे। लेकिन इन बांग्लादेशी व्यापारियों का व्यवहार बहुत ही बुरा था। यदि आपको कोई वस्तु पसंद नहीं आ रही है तो वे अपनी दुकान से भगाने की फिराक में दिखे। यहां से हम पडोवा के लिए प्रस्थान किया जहां से अगले दिन पीसा और फलोरेंस जाना था।

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वेनिस के सेंट मार्क स्क्वायर में पर्यटकों की उमड़ी भीड़। फोटो अजातशत्रु
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