
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोटा के नान्ता-सकतपुरा इलाके के आबादी क्षेत्र में पिछले करीब एक सप्ताह से घुसा आए एक तेंदुए को आखिरकार कल मध्यरात्रि के आसपास वन विभाग ट्रेंकुलाइज करने में सफल रहा। वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि यह तेंदुआ पिछले करीब एक सप्ताह से नान्ता के रियासत कालीन गढ़ में पनाह लिये हुआ था जिसे पकड़ने के स्थानीय वनकर्मियों के सारे प्रयास विफल हो जाने के बाद सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क से वन्यजीव विभाग के विशेषज्ञों की टीम को दो दिन पहले कोटा बुलाया गया था
सूत्रों ने बताया कि नान्ता महल में पिछले करीब एक सप्ताह से छिपे तेंदुए को बुधवार रात करीब पौने 12 बजे वाटर प्वाइंट के पास उस समय ट्रेकुलाइज गन से बेहोश कर दिया गया जब वह वहां पानी पीने आया था। वन विभाग की टीम ने इसे पकड़कर वाहन से लाडपुरा रेंज कार्यालय ले गये। तेंदुए के पकड़े जाने की सूचना के बाद नांता क्षेत्र में एक सप्ताह से फैली दशहत से लोगों ने राहत की सांस ली।
तेंदुए को पकड़ने के लिए मंगलवार शाम रणथम्भौर की टोली कोटा पहुंची थी। टीम ने बुधवार सुबह 9 तेंदुए को पकड़ने के अभियान में तेजी से जुटी एवं टोली ने लगातार 15 घंटे के प्रयास के बाद बुधवार रात करीब पौने 12 बजे उसे ट्रेकुलाइज गन से बेहोश करने में सफ़लता हासिल की। इसके बाद वन विभाग की टोली ने गाड़ी से लाडपुरा रेंज पहुंचाया। यहां पर कुछ दिन पशु चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है और इसके बाद गाइडलाइन अनुसार इसे जंगल में छोड़ा जाएगा। पहले यह माना जा रहा था कि नान्ता के गढ़ में घुसा तेंदुआ मादा है और उसके साथ उसके शावक भी हो सकते हैं लेकिन ट्रेंकुलाइजर गन से इसे बेहोश किए जाने के बाद जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी वह नर था और अकेला ही आबादी क्षेत्र में घुस आया था। इस नर तेंदुए को पकड़ने की इस कार्यवाही में वन निभाग के राजवीर सिंह, डॉ. सीपी मीणा, वन मंडल लाडपुरा रेंज रामस्वरूप, धर्मेन्द्र चौधरी, वीरेन्द्र सिंह हाड़ा, रमेशचंद मीणा, हरिमोहन, राधेश्याम शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि हैं लगातार पांच दिन तक इस तेंदुए के पकड़ में नहीं आए जाने के बाद नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों और वन्यजीव विभाग के अफसरों से बातचीत करके इसे पकड़ कर आबादी क्षेत्र से बाहर वापस जंगल में छोड़े जाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर अन्यंत्र से वन्यजीव विशेषज्ञों की मदद लेने के निर्देश दिए थे और इन्हीं निर्देशों के बाद सवाई माधोपुर से रणथम्भोर नेशनल पार्क से तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेष टीम को कोटा भेजा गया था।
कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक गुंजल भी दो दिन पहले तेंदुए के नान्ता के आवासीय इलाकें में घुस आने की घटना के बाद मौका-मुआयना करने और वहां के लोगों को साहस बढ़ाने के लिए मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने वहीं से संभागीय आयुक्त सहित वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत करके आबादी क्षेत्र में आए इस तेंदुए को पकड़ने के लिए कहा था ताकि यहां के रहवासी उसके आतंक से मुक्ति पा सके।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि नान्ता के जिस रियासतकालीन गढ़ में यह तेंदुआ पिछले करीब एक सप्ताह से छिपा हुआ था, वहां दो सरकारी स्कूल भी चलते हैं लेकिन तेंदुए के यहां आ जाने के बाद पिछले शनिवार को इन स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी जबकि सोमवार से गए स्कूल अन्यंन्त्र एक सामुदायिक भवन में लग रहे थे लेकिन उनमें भी कम ही संख्या में विद्यार्थी अध्ययन के लिए पहुंच रहे थे।