कोटा में दशहरा पर सजेगा दरीखाना, निकलेगी भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी

कोटा का पूर्व राजपरिवार करेगा समूचे आयोजन की मेजबानी

dashahara

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा में कल विजयादशमी पर रियासतकालीन राजसी परंपरा के अनुसार भगवान लक्ष्मी नारायण जी की सवारी दशहरा मैदान तक निकाले जाने के बाद असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक स्वरूप दशानन रावण सहित कुंभकरण, मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक परंपरा के साथ कल कोटा का प्रसिद्ध दशहरा मेला अपने चरम पर होगा। हालांकि व्यवहारिक स्तर पर विजया दशमी यानि दशहरा के दिन से ही करीब डेढ़ पखवाड़े तक चलने वाले इस मेले की शुरुआत मानी जाती है लेकिन कोटा नगर निगम की ओर से इस मेले का औपचारिक उद्घाटन पूर्व में ही किया जा चुका है।

कृष्ण बलदेव हाडा

वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के कारण बीते दो साल से कोटा के प्रसिद्ध दशहरा मेला का आयोजन प्रतिबंधित होने के बाद तीसरे साल इस मेले का आगाज होने के कारण लोगों में जबरदस्त उत्साह है और कल शाम दशहरा मैदान पर रावण सहित कुंभकरण, मेघनाद के पुतलों के दहन के डेढ़ लाख से भी अधिक लोगों के साक्षी रहने का अनुमान है। हालांकि बड़ी संख्या में लोग दूर से ही इस ऐतिहासिक और पारंपरिक परंपरा का निर्वहन होते हुए भी देख पाएंगे।

परंपरा का निर्वहन पूर्व कोटा रियासत के हाड़ा शासकों के वंशज निभाएंगे

कोटा में किशोरपुरा स्थित दशहरा मैदान में कल शाम 7:40 बजे बाद रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इस परंपरा का निर्वहन पूर्व कोटा रियासत के हाड़ा शासकों के वंशजों द्वारा निभाई जाएगी। इसके पहले कोटा के प्राचीन गढ़ पैलेस (सिटी पैलेस) में राजसी वैभव और पारंपरिक माहौल में कोटा की पूर्व रियासत के राजपरिवार की ओर से आमंत्रित अतिथियों की मौजूदगी में दरीखाना का आयोजन होगा। कोटा के पूर्व महाराव इज्यराज सिंह ने बताया कि गढ़ पैलेस में दरी खाना के बाद शाम 6:30 बजे सिटी पैलेस भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी की सवारी निकाली जाएगी जो रावण दहन के लिए दशहरा मैदान के लिए प्रस्थान करेगी। पूर्व राज्य परिवार की ओर से कल गढ़ पैलेस (सिटी पैलेस) में आयोजित होने वाले दरीखाना और उसके बाद निकाले जाने वाली भगवान लक्ष्मी नारायण जी की सवारी में शामिल होने के लिए आमंत्रित सभी अतिथियों से पारंपरिक वेशभूषा अचकन या कोट या कुर्ता तथा पेंट या धोती एवं सिर पर पगड़ी या टोपी पहन कर आने का आग्रह किया गया है। इसके पहले दोपहर में राजमहल में शस्त्र पूजन किया जाएगा।

पूर्व कोटा रियासत के ठिकानेदार-जागीरदार पारंपरिक वेशभूषा के साथ दरीखाना में हाजिर होंगे

उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों से कोटा के पूर्व सांसद और वर्तमान में राज परिवार के मुखिया पूर्व महाराव इज्यराज सिंह भगवान श्री लक्ष्मीनारायण जी के प्रतिनिधि के रूप में रावण के पुतले का तीर चलाकर दहन करते आए हैं। कल भी उनके ही इस परंपरा के निर्वहन किये जाने की उम्मीद है। वे ही कल सिटी पैलेस में आयोजित होने वाले दरीखाना की मेजबानी करेंगे जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व कोटा रियासत के ठिकानेदार-जागीरदार पारंपरिक वेशभूषा के साथ दरीखाना में हाजिर होंगे और इसके बाद कोटा के पूर्व राजपरिवार के साथ सिटी पैलेस से दशहरा मैदान तक निकाली जाने वाली भगवान की सवारी में सम्मिलित होंगे। इनके अलावा दरीखाना व सवारी में कोटा के लगभग सभी वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस, कोटा नगर निगम अधिकारी, जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इसके पहले कल शाम दुर्गा अष्टमी के मौके पर रियासतकालीन परंपरा के अनुसार सिटी पैलेस में पूर्व महाराव इज्यराज सिंह ने अपनी पत्नी श्रीमती कल्पना देवी और पुत्र कुंवर जयदेव सिंह के साथ कुलदेवी आशापुरा माताजी का पूजन किया।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments