देवर के नेत्रदान से प्रेरित थी अब माँ का नेत्रदान कराया

- परिवार के पहले नेत्रदान से प्रेरित थे अब दूसरा संपन्न कराया - अब रामगंज मंडी में भी परिवार में परंपरा बन रहा है नेत्रदान

netra daan

-दुष्यन्त सिंह गहलोत-

कोटा। सुविधा नगर रामगंज मंडी निवासी, श्री कांतिलाल सुराणा की धर्मपत्नी लीलाबाई सुराणा का आज सुबह निवास पर ही आकस्मिक निधन हो गया, इसके उपरांत उनकी बेटी ज्योति ने अपने पिता और घर के अन्य सदस्यों से मां के नेत्रदान करवाने की बात रखी, ज्योति जी के परिवार में वर्ष 2016 में भी इनके देवर संजय पारख का नेत्रदान हुआ था ,तभी से परिवार के सभी सदस्य नेत्रदान के कार्य के प्रति समर्पित हैं, आज जैसे ही इनकी माता जी की मृत्यु हुई उन्होंने तुरंत ही शाइन इंडिया फाउंडेशन के संजय विजावत, और आशीष डागा जी से संपर्क किया ।

संजय जी की सूचना पर कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ तुरंत ही कार से रवाना हो गए,और ठीक डेढ़ घंटे में निवास पर पहुंचकर परिवार के सभी सदस्यों के बीच में डर गौड़ ने नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया । ज्योति जी की इच्छा थी कि यदि पूर्व में परिवार के सभी लोगों की सहमति हो जाती तो नैत्रदान के साथ माँ के देहदान का कार्य भी संपन्न हो जाता ।

संस्था के ज्योति-मित्र संजय जी ने बताया कि शाइन इंडिया फाउंडेशन और भारत विकास परिषद के सहयोग से यह रामगंज मंडी का 21 वां नेत्रदान है नेत्रदान की प्रक्रिया के दौरान भारत विकास परिषद के सदस्य दिनेश डपकरा, सुनील जैन, प्रकाश धारीवाल और समाज सेवी राजकुमार पारख,अजित पारख,सुधीर पारख, सुरेश लूथरा मोजूद थे।

लीलाबाई के नाती श्रेयांस पारख नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया को देखा और संस्था सदस्यों को विश्वास दिलाया कि, उन्होंने कहा कि वह अपने सभी युवा वर्ग के दोस्तों ने नेत्रदान की इस कार्य को प्रसारित करेंगे ।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments