आओ री सखी… मेहंदी लगाओ सजना के नाम की

मेंहदी अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है

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शिव वाटिका किशोरपुरा में मेंहदी के खिले फूल। फोटो अखिलेश कुमार

-अखिलेश कुमार-

akhilesh kumar
अखिलेश कुमार

(फोटो जर्नलिस्ट)
हिना यानी मेंहदी सदियों से महिलाओं के श्रंगार का प्रमुख माध्यम रही है। कहा जाता है कि जिसके हाथ में मेंहदी जितना ज्यादा रंग देती है उसका पिया उसे उतना ही ज्यादा प्यार करता है। लेकिन मेंहदी जितनी हाथों में रचने के बाद आकर्षक लगती है उसकी खुश्बू भी उतनी ही मादक महसूस होती है। इसके फूल के गुच्छे भी खिलने के बाद बहुत आकर्षक लगते हैं विशेषकर रात के समय। मेंहदी एक बहुत शाखाओं वाली झाड़ी है जो लगभग दस फीट की ऊंचाई तक बढ़ती है।

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शिव वाटिका किशोरपुरा में मेंहदी की कलियां। फोटो अखिलेश कुमार

पत्तियाँ छोटी और अण्डाकार होती हैं। अलग-अलग फूल, छोटे होते हैं लेकिन बड़े पैमाने पर पैदा होते हैं और बेहद सुगंधित होते हैं। सूखे फूल भारी सुगंध बरकरार रखते हैं। आज मेंहदी अक्सर सजावट के रूप में उगाई जाती है।
मेंहदी का उपयोग मुख्य रूप से विशेष अवसरों जैसे कि शादी विवाह और त्यौहारों पर किया जाता है। मेंहदी अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

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शिव वाटिका किशोरपुरा में मेंहदी के फूल। फोटो अखिलेश कुमार

शुद्ध, ऑर्गेनिक मेंहदी आपकी त्वचा और बालों के लिए सुरक्षित है, लेकिन अस्वास्थ्यकर केमिकल वाली मेंहदी आपके शरीर में जलन पैदा कर सकती है या नुकसान भी पहुंचा सकती है।

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