भाजपा के 8 पार्षदों के बगावती तेवर, पार्टी से संबद्धता छोड़ने की दी चेतावनी

भारतीय जनता पार्टी के आठ पार्षदों ने न केवल पार्टी के फैसला नहीं बदले जाने की स्थिति में भाजपा से अपनी संबद्धता छोड़ने की चेतावनी दी है बल्कि अपनी ओर से घोषित किए गए नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर मेवाड़ा को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को आज एक हस्ताक्षरित पत्र भी भेजा है

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भाजपा पार्षदों की ओर से स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व कलक्टर को आज भेजे गए पत्र

-कृष्ण बलदेव हाडा-

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कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। राजस्थान में कोटा के नगर निगम उत्तर में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओर से लव शर्मा को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किए जाने के कथित एकतरफा फैसले के विरोध में निगम के भाजपा पार्षदों में असंतोष की लहर थमने का नाम ही नहीं ले रही है। प्रदेश अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के आठ पार्षदों ने न केवल पार्टी के फैसला नहीं बदले जाने की स्थिति में भाजपा से अपनी संबद्धता छोड़ने की चेतावनी दी है बल्कि अपनी ओर से घोषित किए गए नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर मेवाड़ा को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को आज एक हस्ताक्षरित पत्र भी भेजा है।

पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के समर्थक बताए जाते हैं पार्षद

उल्लेखनीय है कि इन आठ भाजपा पार्षदों सहित पार्टी के समान विचारधारा रखने वाले चार निर्दलीय पार्षदों ने कल संयुक्त रूप पत्रकार वार्ता करके भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से घोषित नेता प्रतिपक्ष को के फैसले को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था और कहा था कि यह एक तरफा फैसला है जिसे वे स्वीकार नहीं करते। इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी के आठ और चार निर्दलीय पार्षदों ने बैठक करके पार्टी के फैसले को नकारते हुये सर्वसम्मति से नंदकिशोर मेवाड़ा को अपनी ओर से नेता प्रतिपक्ष चुन लिया था और उनका माल्यार्पण कर स्वागत भी किया था। भाजपा और निर्दलीय पार्षदों के इस फ़ैसले को नंदकिशोर मेवाड़ा ने स्वीकार कर नगर निगम में भाजपा के पक्ष में सतत रूप से कार्य करने की बात कही थी।भारतीय जनता पार्टी के यह सभी पार्षद कोटा (उत्तर) विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के समर्थक बताए जाते हैं।

स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को आज पत्र भेजकर आग्रह किया

नंदकिशोर मेवाडा

अपने इस फैसले पर मोहर लगाने के लिए भाजपा एवं निर्दलीय पार्षदों ने नंद किशोर मेवाड़ा को ही नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने के लिए एकजुट होकर स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को आज पत्र भेजकर आग्रह किया है जिस पर पार्षदों के दस्तखत है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को कोटा नगर निगम उत्तर के जिन आठ पार्षदों ने पार्टी से संबद्धता छोड़ने की चेतावनी दी है उनमें भाजपा पार्षद नवल सिंह हाडा, कुसुम सैनी, पूजा सुमन, पूजा केवट, रवि मीणा, संदीप नायक, नंदकिशोर मेवाड़ा, राम गोपाल लोधा के नाम है। भारतीय जनता पार्टी और निर्दलीय पार्षदों की ओर से नेता प्रतिपक्ष घोषित किए गए नंदकिशोर मेवाड़ा को वैधानिक मान्यता दिए जाने के बारे में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि कोटा के संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर को भी भेजी गई है जिसमें कहा गया है कि नगर निगम कोटा उत्तर में कुल 70 पार्षदों में से भारतीय जनता पार्टी के 14 पार्षदों है। नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए कुल पार्षदों की संख्या का 10 प्रतिशत यानी सात पार्षदों का होना आवश्यक है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी ने लव शर्मा को नेता प्रतिपक्ष मनोनीत किया है जिनको नियमानुसार बहुमत प्राप्त नहीं है जबकि श्री मेवाड़ा को भाजपा के आठ पार्षदों व समान विचारधारा के चार निर्दलीय पार्षदों सहित कुल 12 पार्षदों का समर्थन हासिल है जिसकी सूचना कल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भी दे दी है इसलिए नंदकिशोर मेवाड़ा को ही नेता प्रतिपक्ष की वैधानिक स्वीकृति प्रदान की जाए।

संगठन को स्पष्ट शब्दों में चेताया

इस बीच भाजपा के आठ पार्षदों ने आज संगठन को स्पष्ट शब्दों में चेताया है कि नेता प्रतिपक्ष के लिए नियमानुसार आवश्यक समर्थन लव शर्मा के पास नहीं है। वे इसके खिलाफ हैं। ऐसी स्थिति में यदि पार्टी ने अपना निर्णय बदलते हुए नेता प्रतिपक्ष पद से लव शर्मा को हटाकर नंदकिशोर मेवाड़ा को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया तो हम आठ निर्वाचित पार्षद पार्टी पार्षद दल से संबद्धता खत्म करने का पत्र नगर निगम आयुक्त को दे देंगे जिससे कि उन्हे आवश्यक बहुमत नहीं होने के कारण नेता प्रतिपक्ष की मान्यता वैधानिक तरीके से नहीं दी जा सकेगी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)

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