
मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को सांसद संजय राउत को मुंबई के उत्तरी उपनगरीय इलाके में एक पुनर्विकास परियोजना से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी। अदालत ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत के कथित सहयोगी प्रवीण राउत की जमानत याचिका को भी मंजूर कर लिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले के सिलसिले में दोनों को गिरफ्तार किया था। संजय राउत को एक अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा गया है। गिरफ्तारी के बाद राउत की यह पहली जमानत याचिका थी। उन्होंने सितंबर में यह कहते हुए जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि उनके खिलाफ ईडी का मामला सत्तारूढ़ दल द्वारा विपक्ष को कुचलने के प्रयास के लिए दायर किया गया था। राउत ने अपनी याचिका में कहा था कि वह 18 साल से अधिक समय से शिवसेना के वरिष्ठ नेता हैं और यह मामला सत्ता के दुरुपयोग और राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण है।
ईडी का यह मामला गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास से संबंधित है। जहां यह दावा किया गया है कि विस्थापित निवासियों के लिए घर उपलब्ध कराने के बजाय बुनियादी ढांचा कंपनी एचडीआईएल और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी के निदेशकों ने विस्थापितों को धोखा दिया। केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एचडीआईएल और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के खातों में कुल 1039 70 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे और इसमें से 112 करोड़ रुपये सह.आरोपी प्रवीण राउत को प्राप्त हुए थे।