
-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। कोटा नगर निगम उत्तर में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के मसले ने आज उस समय ओर विकट मोड़ ले लिया जब
आठ पार्षदों ने कोटा नगर निगम प्रशासन को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन देकर भारतीय जनता पार्टी से अपनी संबद्धता समाप्त कर दी और नंद किशोर मेवाड़ा को बहुमत से नेता प्रतिपक्ष बनाते हुये निगम प्रशासन से उन्हे मान्यता देने की मांग करते हुये इस पर शीघ्र निर्णय करने को कहा।
भारतीय जनता पार्टी के कोटा नगर निगम उत्तर 14 में से 8 पार्षदों और भाजपा के समान विचारधारा रखने वाले चार निर्दलीय पार्षदों सहित कुल 12 पार्षदों ने आज लिखित में हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन कोटा नगर निगम उत्तर के आयुक्त को देकर कहा है कि उन्होंने अब संयुक्त रूप से अलग से भारतीय जनता पार्टी कोटा नगर निगम उत्तर के नाम से पार्षद दल का गठन कर दिया है और इन सभी पार्षदों ने सर्वसम्मति से नंदकिशोर मेवाड़ा को अपनी ओर से नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है। चूंकि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत नेता प्रतिपक्ष के लिए कुल संख्या में कम से कम 10 प्रतिशत पार्षदों का समर्थन होना आवश्यक है जो नवगठित भारतीय जनता पार्टी कोटा नगर निगम उत्तर की ओर से घोषित किए गए नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर मेवाड़ा को हासिल है इसलिए उन्हें ही नगर निगम प्रशासन नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता दें। चूंकि भारतीय जनता पार्टी ने लव शर्मा को अपनी ओर से नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है लेकिन अब अधिकारिक तौर पर
भारतीय जनता पार्टी के आठ पार्षदों के अपना समर्थन वापस लेकर चार निर्दलीय पार्षदों के साथ कुल 12 सदस्यीय पार्षद दल का अलग से गठन कर लिया है इसलिए बहुमत हमारे साथ है और हमारी ओर से बनाए गए नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर मेवाड़ा को ही प्रशासन अपनी मान्यता प्रदान करें।
कोटा नगर निगम उत्तर में भारतीय जनता पार्टी से अपनी संबद्धता समाप्त करने की घोषणा के साथ अपना हस्ताक्षर युक्त पत्र निगम आयुक्त को सौंपने वाले पार्षदों में भारतीय जनता पार्टी के निर्वाचित आठ पार्षद और चार निर्दलीय
शामिल है जिनके नाम नंदकिशोर मेवाड़ा, रवि मीणा, नवल सिंह, पूनम केवट, मेघा गुर्जर, बलविंद्र सिंह, राम गोपाल लोधा, कुसुम सैनी, पूजा सुमन, संदीप नायक, बीरबल लोधा, राकेश सुमन पुटरा है। इस पत्र पर इन सभी के हस्ताक्षर भी मौजूद है। पत्र में कहा गया है कि-” निगम प्रशासन ने भारतीय जनता पार्टी के जिस पार्षद को नेता प्रतिपक्ष मानकर सुविधाएं प्रदान की है, वह तत्काल वापस ली जाए क्योंकि अब बहुमत उनके साथ नही है और हम 12 पार्षदों की ओर से घोषित किए गए नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर मेवाड़ा को बहुमत होने के कारण नेता प्रतिपक्ष की मान्यता प्रदान करते हुए इस पद की गरिमा के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाये।”
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शहर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष सहित कुछ भाजपा नेताओं की उपस्थिति में कोटा नगर निगम दक्षिण में विवेक राजवंशी और नगर निगम उत्तर में लव शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष का पदभार ग्रहण किया था लेकिन लव शर्मा के पदभार ग्रहण के समय कोटा नगर निगम उत्तर में से निर्वाचित भारतीय जनता पार्टी के पार्षद नदारद थे लेकिन कांग्रेस के दोनों नगर निगम महापौर मंजू मेहरा और राजीव अग्रवाल सहित कांग्रेस के कई पार्षद जरूर वहां मौजूद थे जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी के दोनों पार्षदों को नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए खुलकर बधाइयां द़दी और इसी बात को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नाराज पार्षदों के खेमे ने यह आरोप लगाया था कि कोटा नगर निगम उत्तर में भाजपा के घोषित नेता प्रतिपक्ष को लेकर भाजपा से कहीं ज्यादा खुशी कांग्रेस के पार्षदों में है क्योंकि वे पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभा चुके है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)