आधुनिक चरखे से हो रहा है खादी की बुनाई की गुणवत्ता में सुधार-मेहता

खादी का उत्पाद व निर्माण जीवन-यापन का जरिया ही नहीं बल्कि स्वाभिमान का प्रतीक भी हैं। खादी के प्रति युवाओं में रूझान बढ रहा हैं, नये-नये प्रयोग होने से खादी अब फैशन का रूप लेती जा रही हैं। खादी से घर बैठे रोजगार मिलेगा, आधुनिक बेलनी चरखे से सूत की बारीक बुनाई व चार तार की कटाई हो सकेगी। वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से खादी के उत्पादों पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान किये जाने से खादी समितियों, ग्रामोद्योग संस्थाओं को उत्पादन व ब्रिकी में सीधा लाभ मिलेगा।

mehtakhadi

-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने कहा कि आधुनिक तकनीकी से बनाए गए चर्खे से बनी खादी की गुणवत्ता में निश्चित रूप से सुधार हो रहा है और इस खादी की मांग भी स्वाभाविक रूप रूप से बढ़ने वाली है और यह इस ग्रामोद्योग के विकास की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

श्री मेहता ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की पालना में खादी बुनकर एवं कामगारों को प्रशिक्षण कार्य का शुभांरभ बोर्ड के लाडपुरा स्थित में करते हुये कहा कि इससे खादी उत्पादन को बढ़ावा एवं गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद हो सकेगा तथा कामगारों को आधुनिक चरखे, करधा, लूम की मरम्मत का प्रशिक्षण मिल सकेगा। श्री मेहता ने कहा कि राज्य सरकार के कातिन, बुनकर एवं कामगारों के लिए शुरू किये प्रशिक्षण कार्यक्रम से निश्चित रूप से खादी को प्रोत्साहन मिलेगा तथा उत्पादन एवं गुणवत्ता में सुधार होगा। मुख्यमंत्री की सह्ययता के कारण बुनकरों को आधुनिक बेलनी चरखे से खादी की बुनाई एवं गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बुनकरों को रोजगार के अवसर बढने के साथ प्रशिक्षण के दौरान मानदेय की व्यवस्था होने से अन्य युवाओं को भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जुडने की प्रेरणा मिलेगी।

श्री मेहता ने कहा कि खादी का उत्पाद व निर्माण जीवन-यापन का जरिया ही नहीं बल्कि स्वाभिमान का प्रतीक भी हैं। खादी के प्रति युवाओं में रूझान बढ रहा हैं, नये-नये प्रयोग होने से खादी अब फैशन का रूप लेती जा रही हैं। खादी से घर बैठे रोजगार मिलेगा, आधुनिक बेलनी चरखे से सूत की बारीक बुनाई व चार तार की कटाई हो सकेगी। वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से खादी के उत्पादों पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान किये जाने से खादी समितियों, ग्रामोद्योग संस्थाओं को उत्पादन व ब्रिकी में सीधा लाभ मिलेगा। श्री मेहता ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को गुणवत्ता के साथ चलाते हुए आधुनिक बेलनी चरखा के संचालन, मरम्मत एवं सूत की कटाई के बारे में दक्षता से प्रशिक्षण देने का आव्हान किया। इससे बुनकरों को रोजगार में भी अभिवृद्धि होगी एवं गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उत्पादन होगा।

खादी समिति के मंत्री कमल किशोर शर्मा ने बताया कि एक माह तक चलने वाले प्रशिक्षण में प्रत्येक प्रशिक्षाणार्थी को 300 रूपये प्रतिदिन का मानदेय मिलेगा। आधुनिक खादी वस्त्रों के निर्माण एवं करधा, लूम, सरजाम व बेलनी चरखे की मरम्मत के बारे में प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि 25 सदस्य ग्रुप का प्रशिक्षण शुरू किया गया है जिसमें प्रशिक्षक को 625 रूपये मानदेय दिया जायेगा। उन्होंने खादी छूट की राशि का पुर्नभरण शीघ्र करवाने एवं दुकानों के आधुनिकीकरण व शोरूम निर्माण के कार्यो को गति देने का सुझाव दिया। इस अवसर पर रईस खान, जगदीश शर्मा, चन्द्रदास श्रीवैष्णव, प्रवीण कुमार शर्मा, मुकेश कुमार यादव सहित खादी समिति के पदाधिकारी एवं प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे।

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