तमिलनाडु में कमल खिलाने के लिए अन्नामलै करेंगे 234 विधानसभा क्षेत्रों में पदयात्रा

कुछ सालों से भाजपा ने अपनी उपस्थिति तमिलनाडु में दर्ज करा ली है। तमिलनाडु विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के चार विधायक हैं। कन्याकुमारी और कोयंबटूर आदि में भाजपा का मजबूत आधार है

-भाजपा का 2024 के लोकसभा चुनाव लक्ष्य

-विष्णु देव मंडल-

विष्णु देव मंडल

(चेन्नई निवासी स्वतंत्र पत्रकार)
चेन्नई। तमिलनाडु द्रविड़ राजनीति का गढ है और कई दशकों से तमिलनाडु में दोनों द्रविड़ दलों का दबदबा रहा है। राष्ट्रीय पार्टी भारतीय जनता पार्टी का तमिलनाडु में कोई खास जनाधार नहीं है, दूसरी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस का कैडर भाजपा की तुलना में मजबूत है, बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी की राज्य ईकाई के अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अधिकारी अन्नामलै तमिलनाडु में कमल खिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। महज चार विधानसभाओं क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रही भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु में कैडर और कार्यकर्ता का घोर कमी है फिर भी अपने पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में सफलता दिलाने के लिए भाजपा अध्यक्ष अन्नामलै पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। अन्नामलै ने भाजपा के सहयोगी दलों के साथ मिलकर 2024 चुनाव के लिए 26 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य बनाया है। अपने मिशन 26 को पुरा करने के लिए उन्होंने आगामी मार्च से तमिलनाडु की सभी 234 विधानसभा क्षेत्रों में पद यात्रा करने का लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
टीनगर स्थित भाजपा कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक श्री अन्नामलै अपनी यात्रा दो चरणों में करेंगे। यात्रा का शुभारंभ अप्रैल 2023 से अप्रैल 2024 तक होगा जिन्हें क्रमशः 100 दिन और 120 दिन में बांटा जाएगा। वह पदयात्रा के तहत 234 विधानसभा क्षेत्र में लोगों से मिलेंगे, जिनके तहत केंद्र सरकार की नीतियां और केंद्र सरकार की योजनाओं से तमिलनाडु के आवाम को मिल रहे फायदा से अवगत कराएंगे। इसके अलावा मौजूदा द्रमुक सरकार कीे कमियों को आमजन के सामने उजागर करेंगे।
उल्लेखनीय है की तमिलनाडु इकाई और भारत सरकार के मंत्रियों ने पिछले दिनों तमिल काशीष् संगमम के माध्यम से तमिलनाडु के आवाम को यह संदेश देने की कोशिश की है की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार तमिल विरोधी नहीं है उन्हें भी तमिल भाषा और संस्कृत से उतना ही प्यार है जितना तमिलनाडु के द्रविड़ दलों को है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु की राजनीति भाषा और भावनाओं पर आधारित है। मौजूदा द्रविड़ राजनीति हमेशा से क्षेत्रवाद तमिल भावना और हिंदी विरोध पर आधारित रही है। भाषा और भावनाओं को उभार कर दिवंगत एम करुणानिधि एवं दिवंगत जे जयललिता ने राजनीति कीे लंबी पारी खेली है। तमिल भावना, तमिल संस्कृति और हिंदी थोपने की तोहमत लगाकर तमिलनाडु के दोनों द्रविड़ दलों ने राष्ट्रीय पार्टी को तमिलनाडु में कभी भी जड़ जमाने नहीं दी है। ऐसे में भाजपा तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष अन्नामलै कितने कामयाब होंगे यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन कुछ सालों से भाजपा ने अपनी उपस्थिति तमिलनाडु में दर्ज करा ली है। तमिलनाडु विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के चार विधायक हैं। कन्याकुमारी और कोयंबटूर आदि में भाजपा का मजबूत आधार है। देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने के लिए भाजपा अध्यक्ष अन्नामलै भी जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, हो न हो अगले आम चुनाव में तमिलनाडु में भी भगवा लहराने में सफल हो जाए।

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